Pakistani Spy Jyoti Malhotra: पाकिस्तान में मंदिर-गुरूद्वारे तक पहुंची ‘जासूस’ ज्योति, आस्था की आड़ में रची साजिश
Pakistani Spy Jyoti Malhotra: ज्योति मल्होत्रा की पाकिस्तान यात्राएं केवल श्रद्धा या पर्यटन तक सीमित नहीं थीं. वह अक्सर स्पॉन्सर्ड ट्रिप के जरिए पाकिस्तान जाती थीं और वहां के मंदिरों व गुरुद्वारों में दर्शन करती थीं. लेकिन अब जांच में सामने आया है कि आस्था की इस चादर के पीछे एक गहरा षड्यंत्र छिपा था. ज्योति ने पाकिस्तान के एजेंडे को आगे बढ़ाने का काम किया, जिसमें वह भारत की संवेदनशील जानकारी साझा करने से लेकर, पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों की झूठी छवि दिखाकर दुनिया में पाकिस्तान को सकारात्मक दिखाने की कोशिश में लगी हुई थीं.
Pakistani Spy Jyoti Malhotra: हरियाणा के हिसार की रहने वाली यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा अब देशद्रोह और जासूसी के आरोपों में घिरी हुई हैं. एक समय पर जो महिला सोशल मीडिया पर अपने ट्रैवल व्लॉग और धार्मिक यात्राओं के लिए जानी जाती थी, आज उसी पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए काम करने का गंभीर आरोप है.
पाकिस्तानी एजेंडे को आगे बढ़ाया
ज्योति जब भी पाकिस्तान जाती थीं, उनकी यात्रा पूरी तरह से स्पॉन्सर्ड होती थी—महंगे होटल, बड़ी-बड़ी पार्टियां और खास मुलाकातें. लेकिन ये सभी दिखावे की परत के नीचे एक गहरी साजिश चल रही थी. बताया जा रहा है कि ज्योति ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत की कई अहम जानकारियां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को दीं. यही नहीं, सोशल मीडिया पर उन्होंने पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों की अच्छी छवि दिखाकर दुनिया को भ्रमित करने की कोशिश की. उनके पीछे पाकिस्तान के अफसरों का पूरा सपोर्ट था, जो इस एजेंडे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाना चाहते थे.
कटासराज मंदिर में ‘श्रद्धा’ की आड़ में
पाकिस्तान की यात्रा के दौरान ज्योति कटासराज मंदिर भी गई थीं, जो वहां के सबसे पवित्र हिंदू स्थलों में से एक है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और कहा जाता है कि इसका संबंध महाभारत काल से है. मान्यता है कि माता सती के वियोग में भगवान शिव के आंसुओं से यह तालाब बना था, जिसके चारों ओर मंदिर स्थित है. पांडव भी अपने वनवास के समय यहां आए थे. लेकिन सवाल यह है कि क्या ज्योति इस ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल पर वाकई श्रद्धा से गई थीं या फिर यह भी उनके मिशन का हिस्सा था?
करतारपुर साहिब कॉरिडोर की यात्रा
ज्योति की पाकिस्तान यात्रा का एक और प्रमुख पड़ाव था करतारपुर साहिब कॉरिडोर यह वह स्थान है जहां सिख धर्म के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष बिताए थे. भारतीय श्रद्धालुओं के लिए बिना वीजा के खुला यह गलियारा धार्मिक आस्था का प्रतीक है. लेकिन अब ज्योति की इस यात्रा पर भी सवाल उठ रहे हैं. क्या वह वहां श्रद्धा के लिए गई थीं या फिर यह भी उस प्रचार का हिस्सा था जिसमें पाकिस्तान की धार्मिक सहिष्णुता को दुनिया के सामने दिखाने की योजना थी?
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