Neem Karoli Baba: किस रूप में भक्तों से मिलने आते हैं हनुमान जी? जानिए नीम करौली बाबा का अनमोल संदेश

Neem Karoli Baba: धार्मिक मान्यताओं में कहा गया है कि भगवान की कृपा कई रूपों में मिलती है, लेकिन अक्सर इंसान उसे पहचान नहीं पाता. आइए जानते हैं महाराज जी के अनुसार हनुमान जी किस वेश में भक्तों से मिलने आते हैं.

By JayshreeAnand | November 27, 2025 9:46 AM

Neem Karoli Baba: नीम करौली बाबा का संदेश भक्तों को यह याद दिलाता है कि ईश्वर हमेशा मंदिरों और मूर्तियों में नहीं मिलते, वे जीवन के बीचों-बीच, साधारण मनुष्यों के रूप में हमारे सामने आते हैं. लेकिन हम पहचान तभी पाते हैं जब दिल में करुणा, दया और सेवा की भावना हो.

भगवान हमेशा सीधे रूप में नहीं आते

धार्मिक ग्रंथों और संतों के वचनों में कहा गया है कि देवता जब कृपा करने आते हैं तो वह पहचान में आने वाले रूप में नहीं आते. हनुमान जी का उल्लेख करते हुए यह समझाया गया कि वे गदा और सिंह जैसी आकृति में सामने खड़े नहीं होंगे, बल्कि किसी साधारण मनुष्य के रूप में सामने आएंगे.

दुरवेष में आते हैं हनुमान जी

“दुरवेष” का मतलब है बदल हुआ रूप. माना जाता है कि हनुमान जी कभी—कभी तपस्वी, गरीब, रोगी, भूखे, निराश या असहाय व्यक्ति के रूप में सामने आते हैं, ताकि यह देखा जा सके कि मनुष्य करुणा, सेवा और दया की परीक्षा में कितना सफल होता है.

कर्म और सेवा ही असली भक्ति

महाराज जी का संदेश यह संकेत देता है कि भक्ति केवल पाठ, पूजा और मंत्रों तक सीमित नहीं है. किसी भूखे को खिलाना, असहाय की मदद करना, रोगी के पास बैठकर सांत्वना देना यही वह सेवाएं हैं जिन्हें सबसे बड़ी पूजा कहा गया है.

हम हर दिन ईश्वर की परीक्षा में होते हैं

अक्सर मनुष्य मंदिर में भगवान को ढूंढता है, लेकिन घर के बाहर खड़े असहायों को अनदेखा कर देता है. संदेश का भाव यह है कि “जो व्यक्ति हर इंसान में ईश्वर को देखना सीख जाता है, उसी की भक्ति स्वीकार होती है.”

इन बातों का रखें ध्यान

किसी भी व्यक्ति को छोटा न समझें

किसी ज़रूरतमंद की मदद करने से पहले सोचें नहीं, मदद कर दें

भक्ति का असली रूप “सेवा” है

भगवान हमसे किसी भी रूप में मिल सकते हैं

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