Budha Gochar: कल होगा बुध का नक्षत्र परिवर्तन, दाम्पत्य जीवन में सुख लाने के लिए करें ये उपाय

Mercury Enters Jyeshtha Nakshatra: दिसंबर माह की शुरुआत यानी 1 तारीख की शाम 6 बजकर 1 मिनट पर बुध देव अनुराधा नक्षत्र से निकल कर ज्येष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 10 दिसंबर कि सुबह 6 बजकर 5 मिनट तक ज्येष्ठा नक्षत्र में ही गोचर करते रहेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2021 5:56 PM

ज्योतिष शास्त्र में दिसंबर महीने को ग्रह-नक्षत्रों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दिसंबर में कई बड़े ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करेंगे. दिसंबर माह की शुरुआत यानी 1 तारीख की शाम 6 बजकर 1 मिनट पर बुध देव अनुराधा नक्षत्र से निकल कर ज्येष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 10 दिसंबर कि सुबह 6 बजकर 5 मिनट तक ज्येष्ठा नक्षत्र में ही गोचर करते रहेंगे.

नवग्रहों में राजकुमार है बुध ग्रह

बुध ग्रह को नव ग्रहों में महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है. बुध ग्रह को नवग्रहों में राजकुमार कहा गया है. वाणी, लेखन, कानून, वाणिज्य, तर्क शास्त्र और त्वचा आदि के कारक बुध ही हैं. मान्यता है कि बुध जब शुभ होते हैं तो व्यक्ति को इन क्षेत्रों में विशेष सफलता और लाभ प्रदान करते है.

दाम्पत्य जीवन में सुख लाने के लिए करें ये उपाय

अगर दाम्पत्य जीवन से सुख कहीं गायब हो गया है या आप दोनों में अब पहले जैसी अंडरस्टैंडिंग नहीं बन पा रही है, तो आज ज्येष्ठा नक्षत्र के दौरान महिला को चाहिये कि रात के समय एक चुटकी सिंदूर लेकर एक कागज की पुड़ियां मे बांध लें और अपने पति के सिरहाने रख दें. सुबह उठने के बाद उस सिंदूर की पुड़ियां को वहां से उठाकर सिंदूर अपनी मांग में भर लें.

नौकरी मिलने में परेशानी के लिए करें ये उपाय

अगर आपको नई नौकरी मिलने में किसी प्रकार की परेशानी आ रही है या आप इंटरव्यू में तो पास हो गए हैं. लेकिन आपकी ज्वॉइनिंग में दिक्कतें आ रही हैं, तो आज पीले नमकीन चावल बनाकर, यानि चावल में हल्दी और नमक डालकर, अच्छे से पकाने के बाद मां सरस्वती को भोग लगाएं और अपनी परेशानी को हल करने के लिये देवी मां से प्रार्थना करें.

धन-धान्य की बढ़ोत्तरी के लिए करें ये उपाय

अपने धन-धान्य की बढ़ोत्तरी के लिए आज घर में किसी साफ स्थान पर एक लकड़ी का पाटा लें और उस पर साफ कपड़ा बिछाएं। अब उस पर सिंदूर मिश्रित चावल से चौकोर आसन बनाएं और उस आसन पर गणपति जी का स्वरूप माने जाने वाले श्वेत आर्क के पौधे की टहनी को रखें. उसके बाद सभी दिशाओं का ध्यान करते हुए हल्दी, चन्दन, धूप, दीप आदि से श्वेतार्क की पूजा करें

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