Mahashivratri 2021 से पहले जानें इस मंदिर की खासियत, क्यों बनाए जा रहे यहां एक करोड़ शिवलिंग, क्या है इसका इतिहास और महत्व

Kotilingeshwara Temple, History, Importance, Mahashivratri 2021 Date: इस बार महाशिवरात्रि 11 मार्च 2021, बृहस्पतिवार के दिन पड़ रहा है. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान शिव की शिवलिंग से जुड़े एक ऐसे मंदिर के बारे में जो काफी प्राख्यात है. यूं तो देश में कई ऐसे मंदिर है जिसका अपना महत्व व वहां से जुड़ी कुछ पौराणिक कथाएं होती है. ऐसा ही एक मंदिर दक्षिण में भी है जो बेहद खास है. दरअसल, कोटिलिंगेश्‍वर नाम के इस मंदिर में करोड़ो शिवलिंग स्थापित किए जा रहे है. फिलहाल, यहां अभी तक लाखों शिवलिंग की स्‍थापना की जा चुकी है. यही नहीं आप भी चाहे तो अपना शिवलिंग यहां स्‍थापित करवा सकते हैं. आइए जानते हैं इस मंदिर की क्या है कहानी..

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2021 10:38 AM

Kotilingeshwara Temple, History, Importance, Mahashivratri 2021 Date: इस बार महाशिवरात्रि 11 मार्च 2021, बृहस्पतिवार के दिन पड़ रहा है. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान शिव की शिवलिंग से जुड़े एक ऐसे मंदिर के बारे में जो काफी प्राख्यात है. यूं तो देश में कई ऐसे मंदिर है जिसका अपना महत्व व वहां से जुड़ी कुछ पौराणिक कथाएं होती है. ऐसा ही एक मंदिर दक्षिण में भी है जो बेहद खास है. दरअसल, कोटिलिंगेश्‍वर नाम के इस मंदिर में करोड़ो शिवलिंग स्थापित किए जा रहे है. फिलहाल, यहां अभी तक लाखों शिवलिंग की स्‍थापना की जा चुकी है. यही नहीं आप भी चाहे तो अपना शिवलिंग यहां स्‍थापित करवा सकते हैं. आइए जानते हैं इस मंदिर की क्या है कहानी..

कोटिलिंगेश्‍वर मंदिर की कहानी

दरअसल, गौतम ऋषि के शाप से पीड़ित भगवान इंद्र ने इससे मुक्ति पाने के लिए यहां पर शिवलिंग की स्‍थापित किया था और अभिषेक भी करवाया था.

कोटिलिंगेश्‍वर मंदिर की खासियत

  • कोटिलिंगेश्‍वर मंदिर कर्नाटक के कोल्‍लार जिले के काम्‍मासांदरा नामक गांव में स्थित है.

  • यह मंदिर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है.

  • इस मंदिर का आकार शिवलिंग के रूप में है.

  • इस ऊंचाई 108 फीट है.

  • फिलहाल, इस मंदिर में लाखों शिवलिंग स्‍थापित किए जा चुके हैं.

  • कोई भी व्यक्ति यहां 1-3 फीट लंबे शिवलिंग को स्‍थापित कर सकता हैं

महा शिवरात्रि की तिथि व मुहूर्त

महा शिवरात्रि बृहस्पतिवार, मार्च 11, 2021 को

निशिता काल पूजा समय – 00:06 से 00:55, मार्च 12

अवधि – ०० घण्टे 48 मिनट्स

12 मार्च को, शिवरात्रि पारण समय – 06:34 से 15:02

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – 18:27 से 21:29

रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – 21:29 से 00:31, मार्च 12

रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय -00:31 से 03:32, मार्च 12

रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 03:32 से 06:34, मार्च 12

चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – मार्च 11, 2021 को 14:39 बजे

चतुर्दशी तिथि समाप्त – मार्च 12, 2021 को 15:02 बजे

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क्या है कोटिलिंगेश्‍वर मंदिर का इतिहास

  • स्‍वामी सांभ शिव मूर्ति और उनकी पत्‍नी वी रुक्मिणी ने इस मंदिर का निर्माण 1980 में करवाया था

  • जिसके बाद यहां 5 शिवलिंग का निर्माण करवाया गया फिर 101 शिवलिंग और उसके बाद 1001

  • ऐसी मान्यता है कि यहां स्‍वामीजी ने एक करोड़ शिवलिंग स्‍थापित करवाने का सपना देखा था. हालांकि, उनकी मौत वर्ष 2018 में हो गई.

  • यहां वर्ष 1994 में 108 फीट लंबी शिवलिंग को स्‍थापित करवाया गया था साथ ही साथ नंदी की भी व्यापक मूर्ति स्‍थापित की गई हैं.

  • आपको बता दें कि मंदिर परिसर में कोटिलिंगेश्‍वर ही नहीं बल्कि 11 और मंदिर भी मौजूद है.

  • यहां भगवान ब्रह्मा, विष्णु के अलावा पंचमुख गणपति, राम-लक्ष्मण-सीता, अन्न्पूर्णेश्वरी देवी, वेंकटरमानी स्वामी, पांडुरंगा स्वामी, के मंदिर मौजूद हैं.

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Posted By: Sumit Kumar Verma

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