Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर क्यों देखा जाता है छलनी से पति का चेहरा, जानिए इस रोचक परंपरा के पीछे का अर्थ

Karwa Chauth 2025: सनातन धर्म में महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन व्रत में महिलाएं छलनी के पीछे से चंद्रमा और अपने पति का चेहरा क्यों देखती हैं? आइए जानते हैं इस रोचक प्रथा के पीछे का अर्थ.

By JayshreeAnand | October 8, 2025 10:23 AM

Karwa Chauth 2025: विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्ध दांपत्य जीवन की कामना के लिए करवा चौथ का व्रत करती हैं. इस दिन व्रत रखने से परिवार में खुशहाली और प्रेम बढ़ता है. करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास की चतुर्थी को रखा जाता है. महिलाएं पूरे दिन सोलह श्रृंगार करके पूजा करती हैं, व्रत कथा सुनती हैं और भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश, भगवान कार्तिकेय, करवा माता और चंद्रमा की आराधना करती हैं. दिनभर उपवास रखने के बाद महिलाएं चांद को जल अर्पित कर व्रत समाप्त करती हैं.

छलनी से क्यों देखा जाता है चांद और पति का चेहरा?

करवा चौथ के दिन कहा जाता है कि छलनी में बहुत सारे छोटे-छोटे छेद होते हैं. जब महिलाएं इसके माध्यम से चांद देखती हैं, तो छेदों के कारण कई छोटे-छोटे प्रतिबिंब बनते हैं इसी के बाद अगर उसी छलनी से अपने पति का चेहरा देखा जाए, तो मान्यता है कि पति की उम्र लंबी होती है. इसलिए व्रत में चांद और पति को छलनी के पीछे से देखना बेहद शुभ माना जाता है और इसे व्रत का अहम हिस्सा माना जाता है.

इस वजह से होती है चांद की पूजा

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार राजा दक्ष प्रजापति को चांद पर गुस्सा आ गया था. जिसके बाद उन्होंने चांद को श्राप दिया था कि तुम कमजोर हो जाओगे और जो भी तुम्हें देखेगा, उसकी बदनामी होगी. इस श्राप से दुखी चांद रोते हुए भगवान शिव के पास पहुंचे और मदद मांगी. जिसके बाद भगवान शिव ने कहा कि जो भी व्यक्ति कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को तुम्हारा दर्शन करेगा, उसके सभी दोष दूर हो जाएंगे और सभी कलंक मिट जाएंगे.

करवा चौथ पर सोलह श्रृंगार क्यों किया जाता है?

सोलह श्रृंगार से स्त्री की सुंदरता और सुहाग का प्रतीक बढ़ता है. ऐसा करके पति के प्रति प्रेम और सम्मान दिखाया जाता है.

2025 में कब है करवा चौथ व्रत?

 इस साल यह व्रत शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को रखा जाएगा.

व्रत के दिन पूजा में कौन-कौन से देवता शामिल होते हैं?

इस दिन पूजा में भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश, भगवान कार्तिकेय, करवा माता और चंद्रमा की आराधना की जाती है.

करवा चौथ का व्रत कौन-कौन रख सकता है?

मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं रखती हैं, लेकिन श्रद्धा और भक्ति से अविवाहित महिलाएं भी अपने माता-पिता या परिवार की भलाई के लिए व्रत रख सकती हैं.

क्या छलनी का प्रयोग के बिना व्रत पूरा नहीं होता?

मान्यता है कि छलनी के बिना चांद और पति को देखकर व्रत खोलना अधूरा माना जाता है. इसलिए यह इस दिन की महत्वपूर्ण परंपरा है.

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