Kali Mata Ki Aarti Lyrics: ‘अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, करें मां काली की आरती, दूर होगी हर प्रकार की बाधा
Kali Mata Ki Aarti Lyrics: काली पूजा के दिन माता काली की विशेष पूजा के बाद आरती का पाठ किया जाता है. ऐसा करना बेहद लाभदायक होता है. यहां काली माता की आरती के बोल प्रस्तुत किए गए हैं.
Kali Mata Ki Aarti Lyrics: काली पूजा सनातन धर्म का एक विशेष पर्व है, जिसे दिवाली के दिन मनाया जाता है. इस दिन मां दुर्गा के काली स्वरूप की आराधना की जाती है. रात के समय पूजा के बाद माता काली की आरती का पाठ करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है. कहा जाता है कि इससे माता काली प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं. यहां पढ़ें माता काली की आरती के बोल.
माता काली की आरती (Mata Kali Aarti Lyrics)
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
तेरे भक्त जनो पर माता भीड़ पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पडो माँ करके सिंह सवारी॥
तेरे भक्त जनो पर माता भीड़ पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पडो माँ करके सिंह सवारी॥
सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
माँ-बेटे का है इस जग मे बडा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
माँ-बेटे का है इस जग मे बडा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखडे निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे मन में छोटा सा कोना॥
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे मन में छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को सवांरती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
काली मां की पूजा के लाभ
काली मां की पूजा करने से मानसिक और आध्यात्मिक दोनों तरह की शक्ति का विकास होता है. इस दिन नियमित रूप से पूजा और भजन-कीर्तन करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मन में सकारात्मकता का संचार होता है. मां काली का आशीर्वाद जीवन में भय, तनाव और दुखों से मुक्ति दिलाता है, साथ ही आत्मविश्वास, साहस और मानसिक स्थिरता बढ़ाता है. इसके अलावा, उनकी पूजा से घर में सुख-शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग खुलता है.
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