Hanuman Jayanti 2021 Puja Vidhi: हनुमान जयंती पर आज ऐसे करें बजरंगबली की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, सामग्री लिस्ट, व्रत कथा, चालीसा, आरती सहित अन्य जानकारियां

Hanuman Jayanti 2021 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri List, Katha In Hindi, Aarti, Chalisa, Mantra, Totke: हिंदू धर्म में वैसे तो सभी पूर्णिमा व्रत को शुभ माना गया है. लेकिन, चैत्र पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल की पहली पूर्णिमा होती है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन हनुमान जी का जन्म भी हुआ था. ऐसे में इस व्रत का महत्व और बढ़ जाता है. आज चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर हनुमान जयंती भी मनायी जा रही है. तो आइये जानते हैं चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जयंती के महत्व के बारे में, साथ ही साथ जानें बजरंग बली के पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, सामग्री की सूची, उन्हें प्रसन्न करने उपाय, टोटके, हनुमान चालीसा, आरती व प्रसाद के बारे में विस्तार से...

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2021 10:49 AM

मुख्य बातें

Hanuman Jayanti 2021 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri List, Katha In Hindi, Aarti, Chalisa, Mantra, Totke: हिंदू धर्म में वैसे तो सभी पूर्णिमा व्रत को शुभ माना गया है. लेकिन, चैत्र पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल की पहली पूर्णिमा होती है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन हनुमान जी का जन्म भी हुआ था. ऐसे में इस व्रत का महत्व और बढ़ जाता है. आज चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर हनुमान जयंती भी मनायी जा रही है. तो आइये जानते हैं चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जयंती के महत्व के बारे में, साथ ही साथ जानें बजरंग बली के पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, सामग्री की सूची, उन्हें प्रसन्न करने उपाय, टोटके, हनुमान चालीसा, आरती व प्रसाद के बारे में विस्तार से…

लाइव अपडेट

चैत्र पूर्णिमा व्रत का महत्व

  • इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है

  • गरीब-निर्धनों को दान पुण्य करें

  • चैत्र पूर्णिमा नव संवत्सर की पहली पूर्णिमा मानी जाती है. कहा जाता है कि मां अंजनी के कोख से ही हनुमान जी का जन्म हुआ था. इनकी पूजा से बल और साहस मिलता है.

  • भगवान विष्णु के पूजा का विशेष महत्व होता है. सत्यनारायण स्वामी की विधिपूर्वक पूजा करने से जातक को विशेष फल मिलता है. साथ ही साथ सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिलता है.

चैत्र पूर्णिमा के सभी शुभ मुहूर्त

  • सुबह 06.01 से 7.30 बजे तक रोग

  • सुबह 07.31 से 9.00 बजे तक उद्वेग

  • सुबह 09.01 से 10.30 बजे तक चर

  • सुबह 10.31 से 12.00 बजे तक लाभ

  • दोपहर 12.01 से 1.30 बजे तकअमृत

  • दोपहर 01.31 से 03.00 बजे तक काल

  • दोपहर 03.01 से 04.30 बजे तक शुभ

  • शाम 04.31 से 06.00 बजे तक रोग

चैत्र पूर्णिमा का पंचांग, 27 अप्रैल 2021, मंगलवार

  • चैत्र शुक्ल पक्ष पूर्णिमा दिन 09 बजकर 31 मिनट के उपरांत प्रतिपदा

  • श्री शुभ संवत -2078, शाके -1943, हिजरीसन -1442-43

  • सूर्योदय- 05:34

  • सूर्यास्त- 06:26

  • सूर्योदय कालीन नक्षत्र -स्वाती उपरांत विशाखा सिद्धि- योग, बव -करण

  • सूर्योदय कालीन ग्रह विचार -सूर्य -मेष, चन्द्रमा -तुला, मंगल -मिथुन, बुध -मेष, गुरु -कुम्भ, शुक्र -मेष, शनि -मकर, राहु -वृष, केतु -वृश्चिक

हनुमान दोहा

पवन तनय संकट हरन मंगल मूरति रूप।

राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप।।

हनुमान जी का दोहा

श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार ।

बरनौ रघुवर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।

बुद्धिहीन तनु जानि के, सुमिरौ पवन कुमार।

बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहुं कलेश विकार।।

हनुमान गायत्री मंत्र

ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।

तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥

(Om Anjaneyaya Vidmahe Vayuputraya Dhimahi।

Tanno Hanumat Prachodayat)

हनुमान जी के मूल मंत्र

ॐ श्री हनुमते नमः॥

(Om Shri Hanumate Namah)

राशिनुसार करें हनुमान जी की पूजा

  • मेष राशि: मेष राशि के जातकों केसर, सिंदूर से हनुमान को पूजें. इस राशि के स्वामी मंगल ग्रह होते है.

  • वृषभ राशि: वृषभ राशि के जातक हनुमान चालीसा का पाठ करें. इनके स्वामी शुक्र देव को माना गया है.

  • मिथुन राशि: मिथुन राशि हनुमान जयंती पर उन्हें बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं. इनके स्वामी गुरु ग्रह को माना गया है.

  • कर्क राशि: कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा माने गए है जिनका संबंध भगवान शिव से होता है. ऐसे में आज भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें और हनुमान जी को लाल चोला भी अर्पित करें, संकटों से मुक्ति मिलेगी.

  • सिंह राशि: सिंह राशि के जातक श्री आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें. गरीबों को भोजन खिलाएं. आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.

  • कन्या राशि: कन्या राशि के स्वामी गुरुदेव है. इस राशि के जातक आज 108 बार श्री हनुमान चालीसा पढ़ें.

  • तुला राशि: तुला राशि के जातक रामचरितमानस के बालकांड का पाठ करें. इस राशि के स्वामी शुक्र देव को माना गया है.

  • वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातक बजरंगबली की आराधना करें व 108 बार ओम श्री हनुमते नमः का मंत्र जाप करें. इस राशि के स्वामी मंगल ग्रह है.

  • धनु राशि: धनु राशि के जातक पांच बार श्री सीता राम के नाम की माला जपें. रोगों से मिलेगी मुक्ति. इस राशि के स्वामी गुरु बृहस्पति है.

  • मकर राशि: मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं. शनि के प्रकोप से बचने के लिए हनुमान जी जरूर करें. पीपल के पेड़ के नीचे सरसों तेल का दीपक जलाएं. हनुमान चालीसा का पाठ करें.

  • कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातक सच्चे मन से राम नाम की माला जपे साथ ही साथ हनुमान जी को चोला अर्पित करें. साथ ही साथ बजरंग बाण व हनुमान चालीसा का पाठ भी पढ़ें. आपको बता दें कि कुंभ के स्वामी भी शनि देव को माना गया है.

  • मीन राशि: मीन राशि के जातक के स्वामी गुरु बृहस्पति हैं. ओम श्री हनुमते नमः के मंत्र का माला जपें. बजरंगबली को भी चोला चढ़ाएं.

मंगल दोष से मुक्ति के लिए ऐसे करें आज हनुमान जी की पूजा...

  • स्नानादि करके हनुमान जी का श्रृंगार करें

  • उन्हें रेशम का लाल धागा चढ़ाएं

  • अब मंगल मंत्र ओम क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः का जाप करें

  • फिर अंतिम में लाल धागे को गले में धारण कर लें

सत्यनारायण पूजा विधि (Satyanarayan Puja Vidhi)

  • चैत्र पूर्णिमा 2021 के अवसर पर आप सत्यानारायण पूजा सुबह या शाम को भी स्नान करने के बाद कर सकते हैं.

  • लेकिन, पूजा पूरा होने तक उपवास रखना चाहिए

  • सबसे पहले सत्यानारायण पूजा के लिए प्रसाद तैयार कर लें. जिसमें पंचामृत (दूध, दही, चीनी, शहद, घी का मिश्रण), पंजिरी (भुने हुए गेहूं के आटे का मिश्रण, चीनी, घी, सूखे मेवे) और फल शामिल करें.

  • घर के प्रवेश द्वार पर आम के पत्तों से सजाएं

  • एक कलश लें, इसमें में पांच पत्तों की छोटी टहनी डालें

  • अब लाल कपड़े में लपेटे हुए एक नारियल को लें और कलश के ऊपर रखें आम के पत्तों के ऊपर डालें

  • भगवान सत्यनारायण की तस्वीर लें और ताजा फूल व कुमकुम उस पर लगाएं

  • सत्यनारायण स्वामी की कथा सुनने आए सभी भक्तों को पुष्प व अक्षत दें

  • फिर कलश पूजा करें और भगवान गणेश को याद करके पूजा का शुभारंभ करें

  • भगवान सत्यनारायण की मुख्य पूजा शुरू होने के पश्चात पूजा में बैठे सभी लोगों भगवान विष्णु का ध्यान लगाएं.

  • सत्यनारायण पूजा की कुल 5 कहानियों को ध्यान लगाकर सुनें

  • पांचों कहानी समाप्त होने के बाद, हवन करें.

  • अंत में सभी मिलकर आरती करें, सभी भगवान विष्णु के सामने सिर झुकाएं और मनोकामनाएं मांगे

आज सत्यनारायण पूजा करने का महत्व

सत्यनारायण पूजा किसी भी दिन की जा सकती है लेकिन हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार पूर्णिमा के दिन यानी पूर्णिमा के दिन सबसे शुभ माना गया है.

चैत्र पूर्णिमा पर कैसे करें पूजा

  • चैत्र पूर्णिमा पर सुबह उठें और स्नानादि करें.

  • घर या मंदिर में जाकर भगवान के सामने व्रत और पूजा-पाठ का संकल्प लें.

  • संभव हो तो दिनभर भोजन को त्यागें या फलाहार और दूध का सेवन करके भी व्रत रख सकते हैं

  • शाम में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के अलावा सत्यनारायण स्वामी और हनुमान जी की विधिपूर्वक पूजा-पाठ करें.

  • जरूरतमंदों को धन, अनाज या अपने इच्छा अनुसार कुछ भी दान करें. गर्मी के मौसम में आप जूते-चप्पल, छाते आदि का भी दान कर सकते हैं.

  • घर के बाहर या किसी चौराहे पर प्याऊ लगवाएं और लोगों के लिए परोपकार कार्य करें

  • इसके अलावा मौसमी फलों का भी दान करें या बीमार लोगों की दवाओं से मदद करें

  • इन सब उपायों से आपका खजाना सदैव भरपूर रहेगा. घर-परिवार में सुख-शांति का वातावरण रहेगा.

किस नक्षत्र में हुआ था हनुमान जी का जन्म

पौराणिक कथाओं के अनुसार त्रेतायुग के अंतिम चरण में चैत्र पूर्णिमा की मंगलवार को चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न योग में हनुमान जी का जन्म हुआ था.

कब होगा चैत्र पूर्णिमा तिथि समाप्त

आज यानी मंगलवार, 27 अप्रैल 2021 को 09 बजकर 01 मिनट तक चैत्र पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जायेगी

मंगल दोष से मुक्ति के लिए उपाय...

  • हनुमान जी का सम्पूर्ण श्रृंगार करवाएं

  • चांदी के वर्क का प्रयोग न करें

  • हनुमान जी को रेशम का एक लाल धागा भी अर्पित करें

  • इसके बाद मंगल के मंत्र "ओम क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः" का जाप करें

  • लाल धागे को गले में धारण कर लें

हनुमान जयंती पर लिखे पीपल के पत्ते जय श्रीराम

हनुमान जयंती के दिन 11 पीपल के पत्ते लेकर उनपर श्रीराम का नाम लिखकर हनुमान जी को अर्पित करने से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और मनोकामना पूर्ण होती है.

हनुमान जयंती पर करें ये काम

इस बार हनुमान जयंती मंगलवार के शुभ योग में आ रही है, इसलिए इस दिन किसी हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान जी को गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें और उनके सामने चमेली के तेल का दीपक लगाएं, इससे वे जल्दी ही प्रसन्न होते हैं.

हनुमान जयंती विधि

मान्यता है कि हनुमान जयंती के दिन विधि विधान से पूजा करने पर जीवन के सभी दुख समाप्त हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

हनुमान जयंती शुभ योग

इस बार हनुमान जयंती 27 अप्रैल दिन मंगलवार के शुभ योग में आ रही है. मंगलवार का दिन हनुमान जी की भक्ति का दिन है, जिस कारण इस दिन हनुमान जी की पूजा का महत्व अधिक बढ़ जाएगा. पंचांग के अनुसार इसी दिन सिद्धि योग और व्यतीपात योग का निर्माण भी हो रहा है. सिद्धि योग 27 अप्रैल को शाम 08 बजकर 03 मिनट तक रहेगा.

हनुमान जी की आरती का वीडियो

हुनमान ​जी का जन्म कहां हुआ था

ऐसी मान्यता है कि हुनमान ​जी के पिता वानरराज केसरी कपि हरियाणा के कैथल के राजा थे. जो पहले कपिस्थल हुआ करता था. ऐसे में इस स्थान को हनुमान जी की जन्म स्थली भी कह जाता हैं.

हनुमान जयंती पर क्या चढ़ाएं भोग

हनुमान जयंती पर प्रसाद के तौर पर लड्डू, चूरमा, मालपुआ, केला, अमरूद आदि का भोग लगा सकते हैं.

हनुमान जयंती पर शनि के प्रभाव को ऐसे करें कम

  • हनुमान जयंती पर शनि के प्रभाव को कम करने के शनि देव का मंत्र पढ़ें

  • ॐ शन्नो देवी रभिष्टय आपो भवन्तु पीतये की एक माला जपें.

  • शनि देव को प्रसन्न करने के लिए काली उड़द लें, कोयले और एक रुपये के सिक्‍के को एक कपड़े में बांधें फिर इसे माथे पर से तीन बार घुमाकर नदी में प्रवाह कर दें

  • इसके अलावा शनि दोष से मुक्ति के लिए हनुमान मंदिर में जाकर 11 बार हनुमान चालिसा का पाठ भी कर सकते हैं.

  • हनुमान चालीसा अलावा सुंदरकांड, बजरंग बाण का पाठ भी करते हैं तो कई प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है.

शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए करें हनुमान जयंती पर पूजा पाठ

पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी ने शनि देव को कैद कर रखा था. जिन्हें हनुमान जी ने मुक्त करवाया. शनिदेव ने इस उपकार के बदले हनुमान जी को वचन दिया था कि वह हनुमान भक्तों को परेशान नहीं करेंगे, जो भी व्यक्ति श्रद्धापूर्वक हनुमान जी की पूजा करेगा उसे शनि दोष जैसे शनि की साढ़ेसाती व ढैया से मुक्ति मिल जायेगी.

शनिदेव और मंगल ग्रह को शांत करने के लिए करें हनुमान जयंती पर पूजा

हनुमान जयंती के अवसर पर आप शनिदेव और मंगल ग्रह कर सकते है शांत. इसके लिए हनुमान जी की विधिपूर्वक आपको पूजा करनी होगी.

युगदी व गुड़ी पड़वा चैत्र पूर्णिमा व्रत

चैत्र पूर्णिमा व्रत युगदी व गुड़ी पड़वा के बाद आता है. इस दिन हनुमान जयंती के अलावा भगवान विष्णु की पूजा का महत्व होता है.

हनुमान जयंती 2021 पूजा विधि (Hanuman Jayanti 2021 Puja Vidhi)

  • सबसे पहले सुबह उठें

  • स्नानादि करें व किसी हनुमान मंदिर जाएं.

  • हनुमान जी के चरणों को स्पर्श करके उनका ध्यान लगाएं

  • फिर उनके समक्ष घी या तेल के दीपक को प्रज्वलित करें.

  • उन्हें सिंदूर चढ़ाएं व लाल चोला अर्पित करें

  • गुलाब के फूलों की माला भी चढ़ाएं

  • बूंदी, केले समेत पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं.

  • फिर 11 बार हनुमान चालीसा पढ़ें.

  • अंतिम में 11 पीपल के पत्तों पर रोढ़ी या सिंदूर से श्री राम नाम लिखें

हनुमान जयंती पर बन रहे दो शुभ योग

इस बार हनुमान जयंती पर दो शुभ योग पड़ रहा है. पहला सिद्धि और दूसरा व्यतीपात नामक शुभ योग बनेंगे. जिसका समय 27 अप्रैल की शाम 8 बजकर 03 मिनट तक ही रहेगा.

हनुमान जयंती 2021 शुभ मुहूर्त

हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त पूर्णिमा तिथि से आरंभ हो जाएगा. इस बार चैत्र पूर्णिमा 26 अप्रैल 2021 की दोपहर से ही आरंभ हो रही है जो अगले दिन यानी 27 अप्रैल 2021 की रात्रि तक रहेगी.

  • पूर्णिमा तिथि आरम्भ: 26 अप्रैल 2021, दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से

  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 27 अप्रैल 2021, रात्रि 9 बजकर 01 मिनट तक

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