Grah Dosh: हवन करने पर मिलती है वास्तु और ग्रह दोष से मुक्ति, जानें धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व…

Grah Dosh: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ करने के बाद हवन करना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि बिना हवन किए पूजा अधूरा रह जाता है. हवन करने पर माना जाता है कि वातावरण की शुद्धि होती है. हवन करने पर घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है. हवन का धार्मिक महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व बताया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2021 4:07 PM

Grah Dosh: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ करने के बाद हवन करना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि बिना हवन किए पूजा अधूरा रह जाता है. हवन करने पर माना जाता है कि वातावरण की शुद्धि होती है. हवन करने पर घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है. हवन का धार्मिक महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व बताया गया है. कई अध्ययनों में पाया गया है कि हवन करने पर वातावरण में घुले प्रदूषण नष्ट हो जाते है. आइए जानते है हवन के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व से जुड़ी पूरी जानाकारी…

हवन करने का धार्मिक महत्त्व

हिंदू धर्म में हवन कराने कर विशेष महत्त्व है. मान्यता है कि हवन के बिना पूजा-पाठ समेत कोई भी मांगलिक कार्य पूरा ही नहीं होता है. यदि कोई भी व्यक्ति ग्रह दोष से पीड़ित है तो उसे हवन करना चाहिए. इससे ग्रहों की दशा से शांति होती है. हवन खत्म होने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए. फिर वस्त्र और मुद्रा का भी दान देना चाहिए.

वास्तु दोष दूर करने के लिए भी हवन किए जानें का प्रावधान है. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का उत्पन्न होती है. वहीं, भवन निर्माण के लिए भूमि पूजन से लेकर गृह प्रवेश तक के कार्यक्रमों में हवन करने का विधान है. मान्यता है कि हवन करने से घर आंतरिक और बाहरी वातावरण शुद्ध और पवित्र बना रहता है.

हवन से हानिकारक जीवाणु हो जाते है नष्ट

बैज्ञानिकों के अनुसार, हवन से निकलने वाले धुआं वायुमंडल को शुद्ध कर देता है. हवन की जाने वाली सभी हवन सामग्री सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक होती है. हवन सामग्री में आम की लकड़ी, बेल, नीम, कलींगज, पीपल की छाल, पलाश का पौधा, देवदार की जड़, बेर, कपूर, शकर जौ, चावल, चंदन की लकड़ी शामिल रहता है.

बैज्ञानिकों के अनुसार, हवन में गाय का गोबर से बने गोइठा का भी उपयोग किया जाता है. जियये करीब 94 प्रतिशत हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते है. इसके साथ ही हवन करने से कई प्रकार की हानिकारक बीमारियों से मुक्ति मिलती है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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