Kamika Ekadashi 2021: आज है सावन मास की कामिका एकादशी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पारण का समय

Kamika Ekadashi 2021: सावन का महीना शुरू हो चुका है. सावन में आने वाले सभी व्रत एवं त्योहारों का बहुत ही अधिक महत्व होता है. हर माह की तरह सावन मास में भी दो एकादशी पड़ती हैं. पहली कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में. सावन मास में पड़ने वाली पहली एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 4, 2021 11:14 AM

Kamika Ekadashi 2021: सावन का महीना शुरू हो चुका है. सावन में आने वाले सभी व्रत एवं त्योहारों का बहुत ही अधिक महत्व होता है. हर माह की तरह सावन मास में भी दो एकादशी पड़ती हैं. पहली कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में. सावन मास में पड़ने वाली पहली एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है. इस बार कामिका एकादशी व्रत 4 अगस्त दिन बुधवार यानि आज रखा जाएगा.

कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा की जाती है. कामिका एकादशी के दिन तुलसी पत्ते का प्रयोग जरूर करना चाहिए. धार्मिक मान्यता के अनुसार, कामिका एकादशी के दिन व्रत नियमों का पालन और विधि विधान से पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसके साथ ही उन्हें पापों से मुक्ति मिल जाती है. आइए जानते है शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत पारण का समय…

कामिका एकादशी तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 03 अगस्त दिन मंगलवार की दोपहर 12 बजकर 59 मिनट पर प्रारंभ होगी, जिसका समापन 4 अगस्त दिन बुधवार को दोपहर 3 बजकर 17 मिनट पर होगा. वहीं, उदया तिथि के अनुसार, इस साल कामिका एकादशी व्रत 4 अगस्त को रखा जाएगा.

कामिका एकादशी के दिन बन रहे ये शुभ योग

कामिका एकादशी के दिन सुबह 05 बजकर 44 मिनट से अगले दिन 05 अगस्त की सुबह 04 बजकर 25 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. इस साल कामिका एकादशी व्रत में सर्वार्थ सिद्धि योग में रखा जाएगा.

कामिका एकादशी 2021 पारण मुहूर्त

कामिका एकादशी व्रत में पारण मुहूर्त का भी विशेष ध्यान रखा जाता है. मान्यता है कि एकादशी व्रत का पारण विधि पूर्वक न होने से इस व्रत का पूर्ण लाभ नहीं मिलता है. एकादशी व्रत का पारण द्वादशी की तिथि यानि 05 अगस्त 2021 दिन गुरुवार को किया जाएगा. पंचांग के अनुसार कामिका एकादशी का पारण सुबह 05 बजकर 45 मिनट से सुबह 08 बजकर 26 मिनट के मध्य कर सकते हैं. पारण के बाद दान आदि का कार्य भी करना चाहिए.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

Next Article

Exit mobile version