Chitragupt Puja 2025: आज की जाएगी चित्रगुप्त पूजा, जानें इस दिन स्टूडेंट्स क्यों करते हैं अपनी किताब, नोटबुक, कलम और दवात की पूजा

Chitragupt Puja 2025: आज कार्तिक शुक्ल द्वितीया को चित्रगुप्त पूजा मनाई जाएगी. इस दिन खासकर स्टूडेंट्स अपनी किताबें, नोटबुक, कलम और दवात की पूजा करते हैं. यह परंपरा ज्ञान, बुद्धि और सफलता की कामना का प्रतीक है और भगवान चित्रगुप्त के आशीर्वाद के लिए की जाती है.

By Shaurya Punj | October 23, 2025 7:46 AM

Chitragupt Puja 2025:  चित्रगुप्त पूजा कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाई जाती है. यह दिन ज्ञान, बुद्धि और न्याय के प्रतीक भगवान चित्रगुप्त के सम्मान का है. खासकर कायस्थ समुदाय इस दिन को बहुत महत्वपूर्ण मानता है.

चित्रगुप्त पूजा की तिथि और समय

इस साल चित्रगुप्त पूजा गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025 को मनाई जा रही है. द्वितीया तिथि 22 अक्टूबर की रात 8:16 बजे से शुरू होकर 23 अक्टूबर की रात 10:46 बजे तक रहेगी. इस दिन का अपराह्न मुहूर्त दोपहर 12:53 बजे से 3:09 बजे तक है, जिसकी अवधि 2 घंटे 16 मिनट है.

चित्रगुप्त पूजा का महत्व

चित्रगुप्त पूजा को यम द्वितीया भी कहा जाता है. यह दिन खास तौर पर कायस्थ समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि भगवान चित्रगुप्त को उनका संरक्षक देवता माना जाता है. लोग इस दिन पूजा-पाठ करते हैं और अपने जीवन में न्याय, बुद्धि और ज्ञान की कामना करते हैं.

पेन और दवात की पूजा क्यों की जाती है

चित्रगुप्त पूजा को कलम-दवात पूजा भी कहा जाता है. इस दिन लोग पेन, दवात, किताबें, अकाउंट बुक और पढ़ाई या बिज़नेस में इस्तेमाल होने वाले कागज़ात की पूजा करते हैं. ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि ये चीज़ें ज्ञान और लेखन का प्रतीक हैं.

छात्रों और व्यवसायियों के लिए

स्टूडेंट्स अपनी किताबों और नोटबुक की पूजा करके पढ़ाई में सफलता की प्रार्थना करते हैं. वहीं, व्यवसायी नए अकाउंट या रिकॉर्ड की शुरुआत करने के लिए पेन और कागज़ की पूजा करते हैं. यह भगवान चित्रगुप्त के प्रति सम्मान और उनके आशीर्वाद की निशानी है.

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सम्मान और परंपरा

चित्रगुप्त स्वयं ब्रह्मांड के पहले अकाउंटेंट माने जाते हैं. इसलिए उनकी पूजा में कलम, दवात और कागज़ात शामिल करना परंपरा का हिस्सा है. इस दिन की पूजा से ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है और जीवन के कामों में सफलता मिलने की कामना की जाती है.