Chandra Darshan 2025: अमावस्या के बाद आज दिखाई देगा पहला चांद, जानें इसके शुभ फायदे
Chandra Darshan 2025: अमावस्या की रात के बाद जब आकाश में पहली बार हल्की-सी चांद की कली दिखती है, उसे चंद्र दर्शन कहा जाता है. यह दिन हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन चांद के दर्शन से मन को शांति, सुख और सौभाग्य मिलता है.
Chandra Darshan 2025: पुरानी मान्यताओं के अनुसार, चंद्रमा मन और भावनाओं का कारक माना गया है. इस वजह से चंद्र दर्शन को मानसिक शांति और सकारात्मक सोच बढ़ाने वाला दिन कहा गया है. ज्योतिष में भी ये समय शुभ माना जाता है क्योंकि चांद की ऊर्जा इस दिन बढ़ने लगती है, जो व्यक्ति के जीवन में अच्छे बदलाव लाती है.
अमावस्या के बाद कब दिखेगा चांद?
तारीख: 22 नवंबर 2025
शुभ मुहूर्त: शाम 5:25 बजे से शाम 6:39 बजे तक
यह दिन क्यों खास है: यह अमावस्या के बाद का पहला चंद्र दर्शन है और इसे शुभ माना जाता है.मौसम साफ हो तो सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में पतली-सी चांद की कली देखी जा सकती है.
चंद्र दर्शन का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं में चंद्रमा को शीतलता, सौम्यता, समृद्धि और मानसिक शांति का प्रतीक माना गया है. इसलिए पहली बार दिखने वाले चांद को देखना सौभाग्यकारी माना जाता है. कई ग्रंथों में लिखा है कि चंद्रमा के दर्शन से मन की अशांति दूर होती है.
चंद्र दर्शन के फायदे
माना जाता है कि चंद्रमा की रोशनी मन को शांत करती है.
शुभ कार्यों के लिए अच्छा समय माना जाता है क्योंकि नया मास सकारात्मक शुरुआत का प्रतीक है.
मानसिक तनाव कम होता है और बेचैनी में राहत मिलती है.
दांपत्य जीवन में मधुरता बढ़ाने के लिए भी चंद्र दर्शन शुभ माना जाता है.
चंद्र देव को कच्चा दूध या सफेद मिठाई अर्पित करने से ग्रह दोष कम होने की मान्यता है.
चंद्र दर्शन पर क्या करें?
सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में चांद देखें.
चंद्र देव को प्रणाम कर मन में कोई शुभ संकल्प लें.
सफेद रंग की चीजें दान करना शुभ माना जाता है.
कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं ताकि मानसिक शांति बनी रहे.
