चैत्र नवरात्रि नवमी तिथि पर कैसे करें कन्या पूजन? संपूर्ण विधि और मुहूर्त
Chaitra Navratri 2025 Navami Tithi: नवरात्रि के समापन पर कन्या पूजन का आयोजन किया जाता है. इस दिन कन्याओं को भोजन कराने के पश्चात ही नवरात्रि व्रत का पारण किया जाता है. कन्याओं को भोजन देने से घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है, साथ ही मां दुर्गा का विशेष आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. इस वर्ष कन्या पूजन 5 और 6 दोनों तारीखों को किया जाएगा. कुछ लोग अष्टमी के दिन कन्या पूजन करते हैं, जबकि अन्य नवमी तिथि को दुर्गा पूजन का आयोजन करते हैं.
Chaitra Navratri 2025 Navami Tithi Kanya Pujan: चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि देवी की उपासना का अंतिम और अत्यंत शुभ अवसर होता है. इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के साथ-साथ कन्या पूजन की परंपरा का पालन किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार, कन्याओं को मां दुर्गा का जीवित रूप माना गया है, इसलिए नवमी के दिन उनका पूजन करके माता रानी की कृपा प्राप्त की जाती है.
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त (2025 के अनुसार)
नवमी तिथि: 6 अप्रैल 2025
चैत्र नवरात्रि नवमी कन्या पूजन मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 04:34 am से 05:20 am
प्रातः सन्ध्या- 04:57 am से 06:05 am
अभिजित मुहूर्त- 11:58 am से 12:49 pm
आज चैत्र नवरात्रि 2025 की अष्टमी तिथि पर इन उपायों से मिलेगा मां दुर्गा का आशीर्वाद
कन्या पूजन की संपूर्ण विधि
कन्याओं का चयन
नवमी तिथि पर 2 से 10 वर्ष की आयु की 9 कन्याओं को आमंत्रित करें. इसके साथ ही एक बालक (लंगूर) को भी आमंत्रित किया जा सकता है, जिसे भगवान भैरव का प्रतीक माना जाता है.
पैर धोना और तिलक करना
सर्वप्रथम सभी कन्याओं के पांव धोकर उन्हें तिलक करें और अक्षत तथा फूल अर्पित करें.
आसन पर बैठाना और पूजा करना
उन्हें स्वच्छ आसन पर बिठाकर माता रानी के मंत्रों से पूजा करें. उनके हाथों में लाल चुनरी, फूल, नारियल, या उपहार रखें.
भोजन कराना
कन्याओं को पूड़ी, चना और सूजी का हलवा बनाकर परोसें. यह भोजन पारंपरिक और शुभ माना जाता है.
दक्षिणा और उपहार देना
भोजन के बाद प्रत्येक कन्या को दक्षिणा और वस्त्र या छोटा उपहार भेंट करें. श्रद्धा और प्रेम के साथ उन्हें विदा करें.
विशेष ध्यान दें
- कन्या पूजन के दौरान पूर्ण शुद्धता और श्रद्धा का पालन करें.
- यदि संभव हो, तो घर में स्वयं तैयार किया गया ताजा भोजन ही परोसें.
- बालिकाओं को खुशी के साथ विदा करें, क्योंकि वे देवी का आशीर्वाद लेकर जाती हैं.
