Jharkhand News: अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य के साथ बड़का पर्व संपन्न, घाटों पर उमड़ी आस्था की भीड़

बड़का पर्व को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में छठ महापर्व की तरह शुक्रवार को नहाय-खाय और शनिवार को खरना किया गया था. रविवार को पूरे विधि-विधान के साथ बगोदर प्रखंड के विभिन्न छठ घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया. इसे ग्रामीण क्षेत्रों में बड़का पर्व या डालिया पर्व भी कहा जाता है.

By Guru Swarup Mishra | November 6, 2022 8:55 PM

Jharkhand News: गिरिडीह जिले के बगोदर समेत आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़का पर्व बड़े ही उत्साह और विधि विधान के साथ मनाया गया. पर्व को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के द्वारा छठ महापर्व की तरह शुक्रवार को नहाय-खाय और शनिवार को खरना किया गया था. रविवार को पूरे विधि-विधान के साथ बगोदर प्रखंड के विभिन्न छठ घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया. इसे ग्रामीण क्षेत्रों में बड़का पर्व या डालिया पर्व भी कहा जाता है.

छठ की तरह मनाया जाता है बड़का पर्व

बड़का पर्व को लेकर गिरिडीह जिले में श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा गया. इस दौरान छठ पूजा की तरह छठ घाटों को सजाया जाता है. तीन दिवसीय बड़का पर्व अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो जाता है. लोक आस्था का महापर्व छठ के एक सप्ताह बाद बड़का पर्व खास कर ग्रामीण क्षेत्रों में पूरे विधि-विधान और उत्साह के साथ मनाया जाता है. छठ महापर्व की तर्ज पर नहाय-खाय के साथ बड़का पर्व आरंभ होता है. इसके दूसरे दिन खरना किया जाता है और छठ घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य के साथ इसका समापन होता है.

Also Read: Common Man Issues: गुमला के 120 कॉमन सर्विस सेंटर में शुरू होगी आधार सेवा, आधार कार्ड बनवाना होगा आसान

बड़का पर्व को लेकर बाजार में रही चहल-पहल

बड़का पर्व को लेकर रविवार को बाजारों में चहल-पहल रही. पर्व को लेकर फल, प्रसाद की भी बिक्री हुई. बड़का पर्व महिला-पुरुषों द्वारा किया गया. शाम के समय बगोदर की जमुनिया नदी समेत खेतको, औरा, बेको समेत अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के छठ घाटों पर भीड़ जुटी. जहां महिलाओं और पुरुष व बच्चों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर कुशलता की कामना की. इस पर्व को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला.

Also Read: Prabhat Khabar Impact : गुमला में नये साल से चलेंगी 4 टूरिस्ट बसें, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

रिपोर्ट : कुमार गौरव, बगोदर, गिरिडीह

Next Article

Exit mobile version