Anant Chaturdashi: अनंत चतुर्दशी पर बन रहा मंगल बुधादित्य योग, जानिए शुर्भ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व

anant chaturdashi 2021 Date: हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है. अनंत चतुर्दशी का प्रसिद्ध पर्व इस साल 19 सितम्बर दिन रविवार को मनाया जाएगा. इस दिन महारविवार का भी व्रत होगा. आज के दिन अनंत कथा सुनने और अनंत धारण करने के साथ मीठा पकवान भगवान विष्णु को अर्पित किया जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2021 12:53 PM

anant chaturdashi 2021 Date: हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है. अनंत चतुर्दशी का प्रसिद्ध पर्व इस साल 19 सितम्बर दिन रविवार को मनाया जाएगा. इस दिन महारविवार का भी व्रत होगा. आज के दिन अनंत कथा सुनने और अनंत धारण करने के साथ मीठा पकवान भगवान विष्णु को अर्पित कर प्रसाद स्वरुप परिजनों के साथ ग्रहण करने का पुण्यफलदायक शास्त्रोक्त विधान है. पंचाग के अनुसार, अंनत चतुर्दशी का व्रत भादो मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. इस पर्व को अंनत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते है ज्योतिर्विद दैवज्ञ डॉ श्रीपति त्रिपाठी से अनंत चतुर्दशी से जुड़ी पूरी जानकारी…

इस बार अनंत चौदस पर मंगल, बुध और सूर्य एक साथ कन्या राशि में विराजमान रहेंगे. जिससे मंगल बुधादित्य योग बनेगा. इस योग में की गई पूजा अर्चना फलदाई होती है और अनंत भगवान की अनंत कृपा बरसेगी. इसलिए इस बार इस पर्व का महत्व कई गुना अधिक है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन अन्नत सूत्र को बांधने और व्रत रखने से कई तरह की बाधाओं से मुक्ति मिलती है.

अंनत चतुर्दशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. व्रत का पूर्ण लाभ लेने के लिए व्रत के नियमों और संयम का विशेष ध्यान रखना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि अन्नत चतुर्दशी का व्रत रखने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. चतुर्दशी का व्रत करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

अन्नत चतुर्दशी शुभ मुहूर्त

अन्नत चतुर्दशी का त्योहार देशभर में बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. हिंदू धर्म में इस व्रत का काफी महत्व है. इस दिन गणेश विसर्जन भी किया जाता है. इसलिए इस पर्व का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है. इस साल अन्नत चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त 19 सितंबर को सुबह से शुरू होकर रात्रि 5 बजकर 01 मिनट तक है.

अन्नत चतुर्दशी की पूजा विधि

पौराणिक मान्यता के अनुसार महाभारत काल से अन्नत चतुर्दशी व्रत की शुरुआत हुई थी. इस व्रत रखने वाले व्यक्ति को सुबह स्नान करने के बाद, पूजा स्थान को साफ करना चाहिए. इसके बाद व्रत का संकल्प लें. अपने पूजा स्थान पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. भगवान की प्रिय वस्तुओं का अर्पण करें.

पूजा में पीले फूल, मिठाई आदि का प्रयोग करें. भगवान विष्णु को पीला रंग अधिक प्रिय थी, इसलिए इस दिन पीले रंग का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए. भगवान के चरणों में अन्नत सूत्र समर्पित करें. इसके बाद उस रक्षा सूत्र को खुद धारण करें. पुरुष दाएं और महिलाएं बाएं हाथ में बांधें.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

Next Article

Exit mobile version