Amarnath Yatra 2025: भारी बारिश के बीच श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर, पांचवां जत्था रवाना

Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं का उत्साह बारिश के बीच भी कम नहीं हुआ. रविवार तड़के जम्मू आधार शिविर से 7,208 यात्रियों का अब तक का सबसे बड़ा जत्था रवाना हुआ. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बालटाल और पहलगाम मार्ग से भक्तों ने बाबा बर्फानी के दर्शन की ओर प्रस्थान किया.

By Shaurya Punj | July 7, 2025 9:54 AM

अब तक 50 हजार से अधिक भक्तों ने किये दर्शन

Amarnath Yatra 2025: दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के दर्शन के लिए रविवार तड़के 7,208 श्रद्धालुओं का अब तक का सबसे बड़ा जत्था भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुआ. लगातार हो रही बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी. यह तीर्थयात्रा का पांचवां जत्था था, जो कड़ी सुरक्षा के बीच मंदिर के लिए निकला.

अब तक 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

तीन जुलाई से शुरू हुई 38 दिवसीय वार्षिक अमरनाथ यात्रा में अब तक 50,000 से अधिक भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं. प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं.

दो काफिलों में रवाना हुआ जत्था

रविवार को तड़के 3:35 से 4:15 बजे के बीच दो अलग-अलग काफिलों में श्रद्धालु रवाना हुए. पहले काफिले में 147 वाहन थे, जो 3,199 श्रद्धालुओं को लेकर बालटाल मार्ग से गए, जबकि दूसरे काफिले में 160 वाहन थे, जो 4,009 श्रद्धालुओं को लेकर पारंपरिक पहलगाम मार्ग से रवाना हुआ. इस जत्थे में 1,587 महिलाएं और 30 बच्चे भी शामिल रहे.

सुरक्षा और पंजीकरण की पुख्ता व्यवस्था

पिछले दिनों 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले को देखते हुए भगवती नगर आधार शिविर पर सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत की गई है. पूरे यात्रा मार्ग पर बहुस्तरीय सुरक्षा तैनात है. यात्रियों को आरएफआईडी टैग दिए जा रहे हैं ताकि हर श्रद्धालु की रियल टाइम ट्रैकिंग हो सके.

अब तक साढ़े तीन लाख से अधिक श्रद्धालु ऑनलाइन पंजीकरण करा चुके हैं. जम्मू में 34 आवासीय केंद्र बनाए गए हैं और 12 ऑन-स्पॉट पंजीकरण काउंटर भी स्थापित किए गए हैं.

बारिश के बीच भी नहीं डगमगाई श्रद्धा

रातभर हुई भारी बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं की भक्ति और जोश में कोई कमी नहीं दिखी. “बम-बम भोले” के जयकारों के साथ श्रद्धालु यात्रा पर निकलते दिखे. बारिश, सुरक्षा और दूरी—कुछ भी भक्तों की आस्था को डिगा नहीं सका.