Guru Gochar 2025: आद्रा नक्षत्र में बृहस्पति का प्रवेश, दुनिया में मचेगा राजनीतिक भूचाल
Guru Gochar 2025: बीते 14 जून 2025 को बृहस्पति ग्रह आद्रा नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं, जिसे बदलाव, विद्रोह और उथल-पुथल का प्रतीक माना जाता है. इस गोचर का प्रभाव न सिर्फ भारत बल्कि वैश्विक राजनीति, सामाजिक ढांचे और तकनीकी क्षेत्रों में व्यापक परिवर्तन ला सकता है. जानिए इसका व्यापक असर.
Guru Gochar 2025: बीते 14 जून 2025 की रात 12:07 बजे, ग्रहों के गुरु बृहस्पति ने राहु के आद्रा नक्षत्र में प्रवेश कर लिया है. इससे पहले, वे 14 मई को मिथुन राशि में पहुंचे थे. अब बृहस्पति लगभग 13 अगस्त 2025 तक आद्रा नक्षत्र में रहेंगे. यह नक्षत्र स्वभाव से ही परिवर्तन, उथल-पुथल और तीव्र गतिशीलता का प्रतीक माना जाता है.
आद्रा नक्षत्र की शक्ति और बृहस्पति का प्रभाव
आद्रा का संबंध ब्रह्मा के क्रोध से माना गया है, और इसके देवता रुद्र (शिव का उग्र रूप) हैं. यह नक्षत्र क्रांति, असंतोष, तकनीकी बदलाव, और प्राकृतिक आपदाओं से जुड़ा हुआ है. ऐसे में बृहस्पति जैसे शुभ ग्रह का इस नक्षत्र में प्रवेश दुनिया में गहरे और दूरगामी प्रभाव छोड़ सकता है.
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राजनीतिक अस्थिरता के संकेत
इस गोचर के दौरान कई देशों में सरकार विरोधी आंदोलन, असंतोष, और सत्ता परिवर्तन की स्थितियां बन सकती हैं. नेताओं के खिलाफ विरोध, जनता में आक्रोश, और राजनीतिक संघर्ष तेजी पकड़ सकते हैं. कुछ देशों में राष्ट्रपति शासन या सेना का हस्तक्षेप भी संभव है.
युद्ध, तनाव और वैश्विक अशांति
ग्रहों की यह चाल दुनिया भर में धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक तनाव को बढ़ा सकती है. कुछ क्षेत्रों में हालात इतने बिगड़ सकते हैं कि गृहयुद्ध या अंतरराष्ट्रीय संघर्ष जैसे हालात बन जाएं. महामारी, भुखमरी और भय जैसी स्थितियां जनमानस को प्रभावित कर सकती हैं.
प्राकृतिक आपदाओं की संभावना
इस गोचर के चलते भूकंप, बाढ़, तूफान और ग्लेशियर फटना जैसी आपदाओं की आशंका बढ़ रही है. खासतौर पर हिम क्षेत्रों और सर्द जलवायु वाले इलाकों में ज्यादा नुकसान की संभावना है. जलवायु परिवर्तन के असर स्पष्ट दिखाई देंगे.
तकनीकी क्रांति का आरंभ
हालांकि, इस गोचर का एक उज्ज्वल पक्ष भी है. AI, ड्रोन, साइबर सिक्योरिटी, और स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में जबरदस्त प्रगति होगी. कुछ देश रक्षा तकनीक और एयरोस्पेस में बड़ा कदम उठा सकते हैं.
गुरु की अतिचारी चाल: आने वाले 8 वर्षों की बड़ी चेतावनी
14 मई से बृहस्पति ग्रह अतिचारी गति से चल रहे हैं, यानी उनकी चाल सामान्य से भिन्न है. यह स्थिति 2033 तक बनी रह सकती है. ऐसे में राजनीतिक, सामाजिक और भौगोलिक बदलाव लगातार होते रहेंगे. इतिहास में भी यही स्थिति महाभारत, विश्व युद्ध और कोविड-19 जैसे बड़े घटनाक्रमों के दौरान देखी गई थी.
आने वाला समय: सजगता और संतुलन की जरूरत
बृहस्पति का आद्रा नक्षत्र में प्रवेश एक सामान्य गोचर नहीं, बल्कि विश्व स्तर पर बदलाव की चेतावनी है. यह समय ध्यान, अनुशासन और जागरूकता के साथ जीने का है.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
(ज्योतिष, वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ)
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