बाढ़ से बचाव की पहल करे केंद्र व राज्य की सरकार

एक और जहां हम चंद्रयान दो के सफल प्रक्षेपण का जश्न मना रहे हैं, वहीं कुछ पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ की विभीषिका से भी रूबरू हो रहे हैं. खासकर बिहार में जहां नेपाल द्वारा छोड़े गये पानी के कारण हर साल करोड़ों रुपये की क्षति व जान-माल का नुकसान हो रहा है. पुराने समय में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 24, 2019 7:32 AM
एक और जहां हम चंद्रयान दो के सफल प्रक्षेपण का जश्न मना रहे हैं, वहीं कुछ पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ की विभीषिका से भी रूबरू हो रहे हैं. खासकर बिहार में जहां नेपाल द्वारा छोड़े गये पानी के कारण हर साल करोड़ों रुपये की क्षति व जान-माल का नुकसान हो रहा है. पुराने समय में कोसी परियोजना गंडक परियोजना के जरिये नहर बनाकर बाढ़ के पानी को खेतों की ओर मोड़ दिया जाता था, जिससे पटवन के समय इसका उपयोग किया जाता था.
अगर इस पानी को छोटी-छोटी नदियों से जोड़ दिया जाये तो एक ओर जहां जल का संचय होगा, वहीं इनमें मत्स्यपालन जैसे रोजगार भी उपलब्ध होंगे. अभी हम सुखाड़ से निबटने की तैयारी ही कर रहे थे कि बाढ़ की विभीषिका ने हमारी कमर तोड़ डाली. इसके लिए नेपाल सरकार से बातचीत कर हल निकाला जा सकता है. केंद्र व राज्य सरकार को मिलकर पहल करने की जरूरत है.
आनंद पांडेय, रोसड़ा (समस्तीपुर)

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