इवीएम पर सवाल
लोकसभा चुनाव समाप्त होते ही एक बार फिर से इवीएम को लेकर विपक्षी दलों ने हंगामा करना शुरू कर दिया है. यह कोई पहली बार नहीं हो रहा है. इसके पहले भी इवीएम को सवालों के घेरे में रखा गया है. आज इवीएम से चुनाव शुरू कराने के लगभग 18 वर्षों के बाद भी उसकी […]
लोकसभा चुनाव समाप्त होते ही एक बार फिर से इवीएम को लेकर विपक्षी दलों ने हंगामा करना शुरू कर दिया है. यह कोई पहली बार नहीं हो रहा है. इसके पहले भी इवीएम को सवालों के घेरे में रखा गया है.
आज इवीएम से चुनाव शुरू कराने के लगभग 18 वर्षों के बाद भी उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाये जा रहे हैं. आखिर ऐसा क्यों होता है कि जब नतीजे आपके पक्ष में हों, तो इवीएम सही और जब नतीजे आपके पक्ष में न हों, तो इवीएम को ही गलत ठहराया जाता है.
देश के नागरिक होने के नाते हमें अपनी सरकार चुनने का हक है. इवीएम को गलत बता कर देश के नागरिकों के मत का निरादर करना सही नहीं है. विपक्षी पार्टियों से आग्रह है कि वे अपनी हार का जिम्मा इवीएम को देने के बजाय जनमत का आदर करें और लोकतंत्र का सम्मान करें.
कन्हाई लाल, रांची