गंगा-जमुनी तहजीब बनी रहे

देश के कुछ राज्यों में बीफ पर पूरी तरह पाबंदियां लगी दी गयी हैं. अगर इसके बाद भी एक समुदाय के कुछ लोग जबरन गोकशी पर उतारू हैं, तो वे कानून का सरेआम उल्लंघन कर रहे हैं और वे निश्चित रूप से दंड के भागी हैं. सामाजिक दृष्टि से भी उनका ऐसा करना सही नहीं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 31, 2018 1:42 AM
देश के कुछ राज्यों में बीफ पर पूरी तरह पाबंदियां लगी दी गयी हैं. अगर इसके बाद भी एक समुदाय के कुछ लोग जबरन गोकशी पर उतारू हैं, तो वे कानून का सरेआम उल्लंघन कर रहे हैं और वे निश्चित रूप से दंड के भागी हैं. सामाजिक दृष्टि से भी उनका ऐसा करना सही नहीं है, मगर इसका मतलब यह भी नहीं है कि कुछ लोग गोरक्षों की टोलियां बनाकर एक मासूम जानवर की हिफाजत में किसी इंसान की बेरहमी से पीटकर हत्या कर दें.
ऐसा करना भी कानूनी और सामाजिक दृष्टि से गलत है. कानून के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो, मगर हम कानून को हाथ में नहीं ले सकते. कानून हाथ में लेना और किसी को मॉबलिंचिंग का शिकार बनाना भी कानून का उल्लंघन ही तो है. हमारी कानूनी-सामाजिक व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि दोनों ही किस्म के लोग कानून से डरें, ताकि मुल्क की गंगा-जमुनी तहजीब बची रहे. वरना दुनिया अपनी तेज रफ्तार से अपनी कामयाबियों की राह बढ़ती चली जायेगी और हम एक अलग किस्म की लड़ाई में गुमराह होते रह जायेंगे.
शादाब इब्राहिमी, ब्राम्बे, रांची

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