Operation Clean Up : सरकार ने एक लाख करोड़ के विवादित कर का किया निपटारा, बढ़ायी योजना की तारीख

केंद्र सरकार की योजना विवाद से विश्वास कारगर साबित हो रही है. इस योजना का लाभ लेकर सरकार के साथ मुकदमे में फंसी लगभग 5 लाख संस्थाओं में से लगभग 1 लाख संस्थाओं ने बीच का रास्ता चुना है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2021 7:57 PM

केंद्र सरकार की योजना विवाद से विश्वास कारगर साबित हो रही है. इस योजना का लाभ लेकर सरकार के साथ मुकदमे में फंसी लगभग 5 लाख संस्थाओं में से लगभग 1 लाख संस्थाओं ने बीच का रास्ता चुना है. इस योजना की मदद से लगभग 83000 करोड़ रुपये का निपटारा हो गया. इस योजना के तहत सरकार और संस्था दोनों को फायदा मिल रहा है यह जानकारी वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने दी है.

इस योजना की शुरुआत साल 2020 के अप्रैल महीने में हुई थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने अपने बजट में प्रत्यक्ष करों से संबंधित लंबित विवादों को निपटाने के लिए विवाद से विश्वास (VsV) योजना की घोषणा की थी.

Also Read: Coronavirus Vaccine News : लोकसभा चुनाव की तरह होगी वैक्सीनेशन की तैयारी, मतदान कर्मी की जगह होंगे स्वास्थ्य कर्मचारी

इस योजना के तहत लक्ष्य रखा कई जगहों पर फंसे लगभग 4.8 लाख अपील जिसमें लगभग 9.32 लाख करोड़ रुपये फंसे हैं जिसे निकालने का प्रयास किया गया. एक इंटरव्यू में वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने बताया लंबित मामलों में से 96,000 ने लगभग 83,000 करोड़ रुपये (विवादित कर) का निपटान करने का फैसला लिया है.

इस योजना के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने इसे 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया है. इस वक्त भी अगर कोई संस्था इस योजना का लाभ लेना चाहे तो ले सकती है. इस योजना के तहत संस्थाओं को अपेक्षित कर भुगतान करना पड़ता है. इसके बाद सारे मुकदमे बंद कर दिये जाते हैं और ना ही इस मामले को आगे बढ़ाया जाता है.

Also Read: Coronavirus Vaccine Price : अगर आप वैक्सीन खरीदना चाहेंगे तो कितने में मिलेगी, यहां जानें वैक्सीन की कीमत

अगर कोई संस्था इस योजना का लाभ लेना चाहती है तो नियत कर भुगतान के बाद मामला सुलझा सकती है. अब सरकार ने इस योजना की तारीख बढ़ा दी है. सरकार ने इस उम्मीद से यह फैसला लिया है कि इस योजना का लाभ दूसरे संस्था भी लेंगे. जितने मामले लंबित हैं, वे विवद से विश्वास योजना के तहत निपट जाएंगे।” विवादों को निपटाने का विकल्प निजी क्षेत्र से है.

Next Article

Exit mobile version