Tomato Flu: क्या है टोमैटो फ्लू, कितनी खतरनाक है ये बीमारी, जानें इसके लक्षण और बचने के उपाय

कोरोना, मंकीपॉक्स के बाद अब केरल में टोमैटो फ्लू के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. यहां अब तक 82 बच्चों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है. ऐसे में आज हम आपको ये बताएंगे कि इस बीमारी से कैसे खुद को बचाए और क्या सावधानी बरतें.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2022 1:13 PM

पूरे देश में कोरोना (Corona) और मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) के बाद अब टोमैटो फ्लू (Tomato flu) का कहर बढ़ते जा रहा है. जानकारी के अनुसार केरल में अब तक 82 बच्चों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है. केरल के आर्यन्कवु अंचल और नेदुवथुर में सबसे पहले मामले सामने आये थे. मेडिकल जर्नल द लांसेट के रिसर्च में बीमारी को लेकर कई चौकाने वाले खुलासे हुए है. टोमैटो फीवर वायरस सबसे ज्यादा बच्चों को संक्रमित कर रहा है. बच्चे इस बीमारी से संक्रमित हो रहे हैं, उनके शरीर पर टमाटर जैसे गोले-गोले दाने और चकत्ते हो रहे हैं.

टमाटर फ्लू क्या है?

टोमैटो फ्लू, जिसे टोमैटो फीवर के नाम से भी जाना जाता है, ये बच्चों को बिना निदान वाले बुखार का अनुभव करवाता है. इस बात पर अभी भी बहस चल रही है कि टमाटर बुखार वायरल बुखार है या चिकनगुनिया या डेंगू बुखार का परिणाम है. एक संक्रमित बच्चे को चकत्ते, त्वचा में जलन और निर्जलीकरण का अनुभव होता है. इससे शरीर के कई हिस्सों में छाले पड़ जाते हैं. फफोले का आकार आम तौर पर लाल होता है, और इसलिए इसे टमाटर फ्लू या टमाटर बुखार कहा जाता है.

टमाटर फ्लू के लक्षण

टमाटर फ्लू पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है. इस फ्लू के लक्षणों, जिसे टमाटर बुखार भी कहा जाता है, इसमें चकत्ते, त्वचा में जलन और निर्जलीकरण शामिल हैं. कई रिपोर्टों के अनुसार, फ्लू से थकान, जोड़ों में दर्द, पेट में ऐंठन, मतली, उल्टी, दस्त, खांसी, छींक, नाक बहना, तेज बुखार और शरीर में दर्द भी हो सकता है. कुछ मामलों में, यह पैरों और हाथों का रंग भी बदल सकता है.

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टमाटर फ्लू से ऐसे खुद को रखें सुरक्षित

फ्लू के अन्य मामलों की तरह, टमाटर बुखार भी संक्रामक है. अगर कोई इस फ्लू से संक्रमित है, तो उन्हें अलग-थलग रखने की जरूरत है, क्योंकि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैल सकता है. यदि उनके बच्चे में उपरोक्त में से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो माता-पिता को तुरंत नजदीकी डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए. संक्रमित बच्चों को बहुत सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहने की सलाह दी जाती है. उचित आराम और स्वच्छता की भी सलाह दी जाती है. फ्लू को फैलने से रोकने के लिए संक्रमित व्यक्तियों की ओर से उपयोग किए जाने वाले बर्तन, कपड़े और अन्य वस्तुओं को साफ करना चाहिए.

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