SIR in Bengal : क्या बंगाल में SIR को लेकर होगा ‘खूनखराबा’? इस सवाल का जवाब चुनाव आयोग ने दिया

SIR in Bengal : मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, ‘‘कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्यों की संवैधानिक जिम्मेदारी है... राज्य मतदाता सूची तैयार करने और चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग को आवश्यक कर्मी उपलब्ध कराने के लिए भी बाध्य हैं.’’ जानें ‘‘खूनखराबा’’ को लेकर क्या बोले कुमार.

By Amitabh Kumar | October 28, 2025 11:35 AM

SIR in Bengal : चुनाव आयोग (EC) द्वारा पूरे देश में विशेष पुनरीक्षण (SIR) की घोषणा के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर एक ही दिन में 500 से अधिक अफसरों का तबादला कर दिया गया. हालांकि आदेश 24 अक्टूबर को जारी हुए थे, लेकिन इन्हें विभाग की वेबसाइट पर चरणबद्ध तरीके से चुनाव आयोग की घोषणा से पहले और बाद में अपलोड किया गया. सुबह के समय 61 आईएएस और 145 डब्ल्यूबीसीएस (एक्जीक्यूटिव) अधिकारियों के तबादले के आदेश वेबसाइट पर डाले गए, जबकि चुनाव आयोग की प्रेस ब्रीफिंग के तुरंत बाद छह आईएएस और 315 डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों की नई नियुक्तियों की सूची भी ऑनलाइन जारी की गई.

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ये अधिकारी एसआईआर प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. एक बार कार्यक्रम तय हो जाने के बाद राज्य सरकार को किसी भी तबादले के लिए चुनाव आयोग की अनुमति लेनी होगी. यह प्रक्रिया 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलेगी. मसौदा मतदाता सूची 9 दिसंबर को जारी होगी और अंतिम सूची 7 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी.

SIR का काम बिना रुकावट जारी रहेगा

चुनाव आयोग ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) का काम बिना रुकावट जारी रहेगा, क्योंकि राज्य सरकारों का यह संवैधानिक दायित्व है कि वे इस प्रक्रिया के लिए कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करें. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि आयोग ने नवंबर से फरवरी के बीच 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के दूसरे चरण की शुरुआत करने का फैसला लिया है.

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क्या बंगाल में SIR को लेकर होगा ‘‘खूनखराबा’’?

दूसरे चरण में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. पश्चिम बंगाल में एसआईआर कराये जाने पर वहां ‘‘खूनखराबे’’ की संभावना के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कुमार ने कहा, ‘‘इसमें (एसआईआर कराने में) कोई बाधा नहीं है.’’ कुमार ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत निर्वाचन आयोग को प्राप्त शक्तियों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘आयोग अपना कर्तव्य निभा रहा है और राज्य सरकारें संवैधानिक रूप से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए बाध्य हैं.