Sidhu Moose Wala हत्याकांड का CCTV फुटेज आया सामने, बोलेरो गाड़ी में दिखे हत्‍यारे

सोशल मीडिया पर एक और सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें हमलावरों को गायक Sidhu Moose Wala की हत्या करने के बाद बोलेरो और ऑल्टो कार से भागते हुए देखा जा सकता है. कहा जा रहा है कि यह फुटेज मानसा जिले के बप्पियाना गांव से मिला है.

By Agency | June 4, 2022 10:39 AM

Sidhu Moose Wala Updates : पंजाब के गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड की जांच जारी है. इस बीच यह खबर आ रही है कि हरियाणा के फतेहाबाद जिले के एक पेट्रोल पंप का एक सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया में सामने आया है जिसमें सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में दो संदिग्ध एक बोलेरो गाड़ी में कथित तौर पर दिख रहे हैं. आशंका है कि हमलावरों ने इसी वाहन का इस्तेमाल हत्या के लिए किया था. समझा जाता है कि यह फुटेज फतेहाबाद के बिसला गांव में स्थित एक पेट्रोल पंप से मिला है, जहां गाड़ी में पेट्रोल भरवाया गया था.

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

सोशल मीडिया पर एक और सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें हमलावरों को गायक की हत्या करने के बाद बोलेरो और ऑल्टो कार से भागते हुए देखा जा सकता है. कहा जा रहा है कि यह फुटेज मानसा जिले के बप्पियाना गांव से मिला है.सिद्धू मूसेवाला की हत्या करने के बाद हमलावर ऑल्टो कार से भाग गये थे. बाद में कार मोगा में लावारिस हालत में मिली.

दो लोग हिरासत में

इस बीच, सूत्रों ने बताया कि पंजाब पुलिस ने फतेहाबाद जिले से दो लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे इस मामले के संबंध में पूछताछ की जाएगी. हत्या की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि उन्हें इस मामले के सिलसिले में महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं और वे इस पर काम कर रहे हैं. इससे पहले पंजाब पुलिस ने मनप्रीत सिंह को हमलावरों को साजोसामान मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

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सिद्धू मूसेवाला की हत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग

भाजपा की पंजाब इकाई के एक नेता ने गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की सीबीआई जांच का आग्रह करते हुए शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया. जगजीत सिंह द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि मूसेवाला की हत्या में अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय अपराधियों के शामिल होने का संदेह है, इसलिए मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराई जानी चाहिए. इसमें कहा गया कि राज्य प्रशासन न केवल अपराध को रोकने में “बुरी तरह विफल” रहा, बल्कि पंजाब में “भय और आतंक का माहौल” पैदा करने वाले गिरोहों के संघर्ष को रोकने में भी विफल रहा है.

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