रेल सफर करना पड़ सकता है महंगा, उपयोगकर्ता विकास शुल्क लगाने की तैयारी कर रही रेलवे

नयी दिल्‍ली : कोरोना संकट काल में कमाई बढ़ाने और यात्रियों को सुविधा में बढ़ोतरी को लेकर देश के कुछ स्टेशनों पर रेलवे उपयोगकर्ता विकास शुल्क यानी यूडीएफ लागू करने की तैयारी कर रही है. हालांकि, इसे कब से लागू किया जायेगा, इसकी तिथि की घोषणा अभी तक नहीं की गयी है. संभावना जतायी जा रही है कि नवंबर 2020 में ही इसे लागू किया जा सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2020 4:42 PM

नयी दिल्‍ली : कोरोना संकट काल में कमाई बढ़ाने और यात्रियों को सुविधा में बढ़ोतरी को लेकर देश के कुछ स्टेशनों पर रेलवे उपयोगकर्ता विकास शुल्क यानी यूडीएफ लागू करने की तैयारी कर रही है. हालांकि, इसे कब से लागू किया जायेगा, इसकी तिथि की घोषणा अभी तक नहीं की गयी है. संभावना जतायी जा रही है कि नवंबर 2020 में ही इसे लागू किया जा सकता है.

जानकारी के मुताबिक, उपयोगकर्ता विकास शुल्क लगाने को लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन व सीईओ विनोद कुमार यादव ने सितंबर माह में कहा था कि हवाई अड्डों की तर्ज पर कुछ रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों से कुछ शुल्क लिया जायेगा. मालूम हो कि कोरोना काल में ट्रेनों का परिचालन सुचारू नहीं होने से रेलवे का काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है.

संभावना जतायी जा रही है कि देश के कुछ चुनिंदा स्टेशनों पर रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट की कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती है. वर्तमान में अधिकतर रेलवे स्टेशनों पर 10 रुपये में प्लेटफॉर्म मिलता है. संभावना जतायी जा रही है कि प्लेटफॉर्म की कीमत को दोगुना कर 20 रुपये किया जा सकता है.

इसके अलावा देश के 121 स्टेशनों पर उपयोगकर्ता विकास शुल्क नवंबर 2020 में देश लागू किया जा सकता है. संभावना जतायी जा रही है कि इन स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत बढ़ जायेगी. साथ ही रेलवे ने कहा था कि कुल रेलवे स्टेशनों के 10-15 फीसदी स्टेशनों पर उपयोगकर्ता विकास शुल्क वसूला जायेगा.

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के मुताबिक, करीब करीब एक हजार से ज्यादा स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा को लेकर विकास किया जायेगा. इन स्टेशनों पर क्षमता के साथ-साथ फुटफॉल का पुनर्निर्माण किया जायेगा. मालूम हो कि देश में करीब 7,000 रेलवे स्टेशन हैं.

मालूम हो कि वर्तमान में रेलवे ने निजी कंपनियों के साथ भागीदारी कर विकास का काम तेजी से कर रही है. स्टेशनों पर साफ-सफाई भी निजी कंपनियों द्वारा की जा रही है. साथ ही पुनर्निर्माण, सौन्दर्यीकरण, रखरखाव का विकास किया जा रहा है. स्टेशनों के विकास में निजी कंपनियां करीब 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेंगी.

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