PM Swanidhi Scheme: केंद्र के फैसले से लाखों रेहड़ी-पटरी वालों को मिलेगा फायदा
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को मार्च 2030 तक बढ़ाने के फैसले को मंजूरी दी गयी और इसके लिए 7332 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन को मंजूरी दी. सरकार के इस फैसले से लगभग 1.15 करोड़ लोगों को फायदा होने की उम्मीद है. इस योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी आवास एवं शहरी मंत्रालय और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) संयुक्त तौर पर करेगी.
PM Swanidhi Scheme: देश में रेहड़ी-पटरी पर काम करने वालों के लिए केंद्र सरकार ने अहम फैसला लिया है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को मार्च 2030 तक बढ़ाने के फैसले को मंजूरी दी गयी और इसके लिए 7332 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन को मंजूरी दी. सरकार के इस फैसले से लगभग 1.15 करोड़ लोगों को फायदा होने की उम्मीद है. इस योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी आवास एवं शहरी मंत्रालय और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) संयुक्त तौर पर करेगी.
डीएफएस की बैंकों, वित्तीय संस्थानों और उनके जमीनी स्तर के अधिकारियों के जरिये ऋण, क्रेडिट कार्ड तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने का काम करेगा. पुनर्गठित योजना के तहत पहली और दूसरी किस्त में बढ़ी हुई ऋण राशि, ऋण चुकाने वाले लाभार्थियों के लिए यूपीआई-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड का प्रावधान और खुदरा एवं थोक लेनदेन के लिए डिजिटल कैशबैक प्रोत्साहन को शामिल किया गया है. इस योजना का दायरा चरणबद्ध तरीके से कस्बों और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बढ़ाने की योजना है. उन्नत ऋण संरचना में पहले किश्त के ऋण को 15000 रुपये तक बढ़ाया गया है, जबकि पहले यह सीमा 10 हजार रुपये थी. दूसरे चरण में किश्त की राशि को 20 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया गया है. यूपीआई-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड की शुरुआत से स्ट्रीट वेंडरों को किसी भी आकस्मिक व्यावसायिक और व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तत्काल ऋण उपलब्ध हो सकेगा.
छोटे कामगारों को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाना है लक्ष्य
डिजिटल प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए, स्ट्रीट वेंडर खुदरा और थोक लेनदेन करने पर 1600 रुपए तक के कैशबैक प्रोत्साहन का लाभ उठा सकते हैं. यह योजना उद्यमिता, वित्तीय साक्षरता और डिजिटल कौशल के जरिये विपणन पर ध्यान केंद्रित करते हुए रेहड़ी-पटरी वालों की क्षमता निर्माण पर विशेष जोर देती है. भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के सहयोग से रेहड़ी-पटरी वालों के लिए मानक स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण आयोजित करने की योजना है. रेहड़ी-पटरी वालों और उनके परिवारों के समग्र कल्याण और विकास को सुनिश्चित करने के लिए, मासिक लोक कल्याण मेलों के जरिये ‘स्वनिधि से समृद्धि’ पहल को और मजबूत किया जाएगा और इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लाभार्थियों और उनके परिवारों तक सही तरीके से पहुंच सके.
गौरतलब है कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत 30 जुलाई, 2025 तक 68 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को 13,797 करोड़ रुपये के 96 लाख से अधिक कर्ज दिए जा चुके है. डिजिटल रूप से सक्रिय लगभग 47 लाख लाभार्थियों ने 6.09 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 557 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन किए हैं जिससे उन्हें कुल 241 करोड़ रुपए का कैशबैक मिला है. ‘स्वनिधि से समृद्धि’ पहल के तहत 3564 शहरी स्थानीय निकायों के 46 लाख लाभार्थियों का प्रोफाइल तैयार किया गया है.
