नेशनल अटॉमिक टाइमस्केल का उद्घाटन, पीएम मोदी ने कहा- लोकल प्रोडक्ट को ग्लोबल पहचान दिलाने की जरूरत

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव में शामिल हुए. पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव का उद्धाटन भी किया. और कोच्चि-मंगलुरू गैस पाइपलाइन देश को समर्पित किया.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 4, 2021 1:08 PM

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव में शामिल हुए. पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव का उद्धाटन भी किया. और कोच्चि-मंगलुरू गैस पाइपलाइन देश को समर्पित किया. इसके साथ ही पीएम मोदी ने नेशनल एनवायरनमेंटल स्टैंटर्ड्स लेबोरेट्री की आधारशिला भी रखी. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि नया साल देश के लिए नई उपलब्धि लेकर आया है.

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि नए साल में कोरोना वैक्सीन पर बड़ा कार्यक्रम शुरू हो रहा है. उन्होंने कहा कि देश को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है. उनका योगदान पूरा देश हमेशा याद रखेंगा. भारत के वैज्ञानिकों ने एक नहीं दो मेड इन इंडिया कोविड वैक्सीन विकसित करने में सफलता पाई है. वहीं, देश में दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीन कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है. इसके लिए देश को अपने वैज्ञानिकों के योगदान पर बहुत गर्व है

पीएम मोदी ने कहा कि देश साल 2022 में अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर रहा है. वहीं, 2047 में हमारी आजादी के सौ वर्ष हो जाएंगे. ऐसे में हमें आत्मनिर्भर भारत के नए संकल्पों को ध्यान में रखते हुए नए मानकों को गढ़ने की दिशा में आगे बढ़ना है. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि, चाहे सरकारी सेक्टर हो में या प्राइवेट सेक्टर, हमारे देश में सर्विसेज की क्वालिटी होनी चाहिए. हमें दुनिया को केवल भारतीय उत्पादों से भरना नहीं है, हमें भारतीय उत्पादों को खरीदने वाले हर ग्राहक का दिल भी जीतना है.

नए दशक में भारत और उसके उत्पादों की ताकत बढ़ानी है. इस दिशा में काम करने की जरूरत है. इसके लिए लोकल प्रोडक्ट को ग्लोबल पहचान दिलाने की जरूरत है. हमें उत्पादों में सुधार करना है, और इसके लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना होगा. नए मानकों से एक्सपोर्ट, इंपोर्ट क्वालिटी सुनिश्चित होगी.

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पीएम मोदी ने यह भी कहा कि, हमारा देश दशकों से क्वालिटी और मापने के लिए विदेशी स्टैंडर्ड पर निर्भर रहा है. लेकिन अब हमें आत्मनिर्भर होना पड़ेगा. इस दशक में भारत को अपने स्टैंडर्ड को नई ऊंचाई देनी होगी. इस दशक में भारत की गति, प्रगति, उत्थान, छवि, सामर्थ्य, हमारी क्षमता का निर्माण हमारे स्टैंडर्ड से ही तय होंगे. एक नई पहचान बनाने की जरूरत है.

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Posted by: Pritish Sahay

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