Ayodhya Ram Mandir Bhumi Pujan : ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम पर उठाया सवाल, बताया शपथ का उल्लंघन

PM Modi's, Attending Ram temple Bhumi Pujan, Ayodhya, violates oath of constitution, Asaduddin Owaisi प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन समारोह में शामिल होंगे. लेकिन अब पीएम मोदी के इस कार्यक्रम को लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी पर भूमि पूजन में शामिल होने को लेकर निशाना साधा है और गंभीर आरोप भी लगा दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2020 4:13 PM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन समारोह में शामिल होंगे. लेकिन अब पीएम मोदी के इस कार्यक्रम को लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी पर भूमि पूजन में शामिल होने को लेकर निशाना साधा है और गंभीर आरोप भी लगा दिया.

असदुद्दीन ओवैसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया और कहा, समारोह में शामिल होना संविधान के शपथ का उल्लंघन है. उन्होंने ट्वीट किया और लिखा, आधिकारिक रूप से भूमि पूजन में शामिल होना पीएम की संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा. धर्मनिरपेक्षता संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है. हम यह नहीं भूल सकते कि बाबरी 400 साल से ज्यादा समय तक अयोध्या में रही और 1992 में क्रिमिनल भीड़ द्वारा इसे ध्वस्त कर दिया गया.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी पांच अगस्त को भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे. स्वामी गोविंद देवगिरि महाराज ने बताया, प्रधानमंत्री, राम मंदिर के भूमि पूजन के लिये पांच अगस्त को अयोध्या आने के लिए सहमत हो गये हैं. वह वहां करीब डेढ़ घंटे रूकेंगे. वह पहले हनुमान गढ़ी जाएंगे, फिर भूमि पूजन समारोह में शामिल होने से पहले राम लला के दर्शन करेंगे.

उन्होंने कहा, इससे पहले, ये अटकलें थी कि वह (मोदी) डिजिटल माध्यम से समारोह में शामिल होंगे, लेकिन मैंने आग्रह किया कि यह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर किया जाना चाहिए. उन्होंने बताया, मोदी जी ने दो तिथियां मांगी थी. इसलिए, उनके कार्यालय (पीएमओ) को दो तिथियां –29 जुलाई और पांच अगस्त की सूचना दी गई. अंतत: उन्होंने पांच अगस्त के लिये अपनी सहमति दी.

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हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने अभी तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है कि प्रधानमंत्री समारोह में शामिल होंगे. स्वामी गोविंद को किशोरजी व्यास के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने कहा, आप देश में खुशी की लहर देखेंगे.

यदि हमारा मनोबल कम हो गया तो हम कोराना वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई हार जाएंगे। इसलिए मनोबल ऊंचा रखिये, हमें खुशी का माहौल बनाये रखना चाहिए और यदि ऐसा होता है तो कोविड-19 घटना शुरू हो जाएगा.

उनके अनुसार 1951 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू कुछ ‘पारिवारिक परंपरा’ के कारण सोमनाथ मंदिर (का उदघाटन करने) नहीं गये थे. उन्होंने कहा, लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद वहां गये. नेहरू ने प्रसाद के निर्णय का विरोध किया लेकिन प्रसाद ने दृढ़तापूर्वक कहा कि यदि उन्हें इस्तीफा भी देना पड़ा तो भी वह सोमनाथ जाएंगे. यह राष्ट्रवाद कहलाता है.

मोदी जी में भी यही राष्ट्रवाद है और यही कारण है कि वह पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा, इस क्षण का पांच सदी से इंतजार था और वह (मोदी) भी यही भावना साझा करते हैं. यही कारण है कि उन्होंने अपनी सहमति दी. कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर अयोध्या में पांच अगस्त के समारोह में सिर्फ 200 लोग होंगे. समारोह में सामजिक दूरी के सभी नियमों का पालन किया जाएगा.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

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