कैथल के ‘राम’ को पीएम मोदी ने पहनाए जूते, प्यार से डांटा, जानिए क्यों 14 साल पहले लिया था ऐसा प्रण

PM Modi Meets Rampal Kashyap: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (14 अप्रैल) को रामपाल कश्यप की 14 साल पुरानी प्रतिज्ञा पूर्ण कराई. इस दौरान पीएम मोदी ने उन्हें अपने हाथों से जूते पहनाए. 14 साल पहले रामपाल कश्यप ने एक प्रतिज्ञा की थी, जिसे आज खुद पीएम मोदी ने पूरा करा दिया. पीएम मोदी ने इस मुलाकात का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में शेयर किया है.

By Pritish Sahay | April 14, 2025 9:31 PM

PM Modi Meets Rampal Kashyap: कैथल के ‘राम’ का 14 साल के बाद ‘वनवास’ खत्म हो गया है. सोमवार को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जूते पहनाकर उनका प्रण तुड़वाया. पीएम मोदी ने हरियाणा के यमुनानगर में रामपाल कश्यप को खुद अपने हाथों से जूते पहनाए. पीएम मोदी ने खास पल का एक वीडियो भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है. सोमवार (14 अप्रैल) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंबेडकर जयंती के मौके पर हरियाणा के यमुनानगर पहुंचे थे. यहां पीएम मोदी ने एक जनसभा को संबोधित किया. साथ ही कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया. इसके बाद पीएम मोदी ने रामपाल कश्यप को जूते पहनाए.

Pm modi meets rampal kashyap

पीएम मोदी ने एक्स पर किया पोस्ट

पीएम मोदी ने इस खास मौके का एक वीडियो भी शेयर किया है. अपने पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा की “हरियाणा के यमुनानगर में आज कैथल के रामपाल कश्यप जी से मिलने का सौभाग्य मिला. इन्होंने 14 वर्ष पहले एक संकल्प लिया था ‘मोदी जब तक प्रधानमंत्री नहीं बन जाते और मैं उनसे मिल नहीं लेता, तब तक जूते नहीं पहनूंगा.’ मुझे आज उनको जूते पहनाने का अवसर मिला. मैं ऐसे सभी साथियों की भावनाओं का सम्मान करता हूं, परंतु मेरा आग्रह है कि वो इस तरह के प्रण लेने के बजाए किसी सामाजिक अथवा देशहित के कार्य का प्रण लें.

क्या था रामपाल कश्यप का प्रण?

हरियाणा के कैथल से ताल्लुक रखने वाले रामपाल कश्यप ने आज से 14 साल पहले प्रण लिया था कि जब तक नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री नहीं बनते और उनसे मिलने खुद नहीं आते वो तब तक जूते नहीं पहनेंगे. 14 साल तक उन्होंने आपना प्रण निभाया. उन्होंने जूते नहीं पहने. 14 साल बाद उनका ‘वनवास’ खत्म हुआ. 14 अप्रैल 2025 को पीएम मोदी अपने हरियाणा दौरे के दौरान न सिर्फ रामपाल कश्यप से मुलाकात की, बल्कि अपने हाथों से उन्हें जूता पहनाया.