रविशंकर प्रसाद और शशि थरूर के खातों को अवरुद्ध करने पर संसदीय स्थायी समिति ने ट्विटर से मांगा लिखित जवाब

Parliamentary standing committee, New information technology rules, New IT rules, Twitter : नयी दिल्ली : नये सूचना प्रौद्योगिकी नियमों को लेकर मंगलवार को संसदीय स्थायी समिति ने दो दिनों के भीतर ट्विटर से लिखित मांग की है कि आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद और शशि थरूर के ट्विटर अकाउंट को किस आधार पर अवरुद्ध किया गया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2021 8:21 PM

नयी दिल्ली : नये सूचना प्रौद्योगिकी नियमों को लेकर मंगलवार को संसदीय स्थायी समिति ने दो दिनों के भीतर ट्विटर से लिखित मांग की है कि आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद और शशि थरूर के ट्विटर अकाउंट को किस आधार पर अवरुद्ध किया गया था.

न्यूज एजेन्सी एएनआई के मुताबिक, इस संबंध में ट्विटर को आज पत्र भेजे जाने की संभावना है. साथ ही यदि संसदीय समिति को ट्विटर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो संसदीय समिति ट्विटर अधिकारी को तलब कर सकती है.

मालूम हो कि शशि थरूर की अध्यक्षता में सूचना प्रौद्योगिकी की संसदीय स्थायी समिति ने ‘नागरिकों की सुरक्षा’ अधिकारों और सामाजिक / ऑनलाइन समाचार मीडिया प्लेटफार्मों के दुरुपयोग की रोकथाम को लेकर मंगलवार को बैठक की.

बैठक में साथ ही संसदीय स्थायी समिति ने फेसबुक और गूगल को नये आईटी नियमों का पालन करने के निर्देश दिये. इससे पहले फेसबुक और गूगल ने सोशल मीडिया मंचों के दुरुपयोग को लेकर अपना पक्ष रखा. मालूम हो कि संसदीय समिति ने नये आईअी नियमों को लेकर फेसबुक और गूगल के अधिकारियों को समन किया था.

गूगल के अधिकारियों के मुताबिक, जनवरी और मार्च 2021 के बीच, यू-ट्यूब ने अपने सामुदायिक दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए 9.5 मिलियन से अधिक वीडियो हटा दिये. इनमें से 95 फीसदी वीडियो पहले इंसानों के बजाय मशीनों द्वारा फ्लैग किये गये थे. मशीनों द्वारा पता लगाये गये लोगों में से 27.8 फीसदी को एक बार भी नहीं देखा गया और 39 फीसदी को 1 से 10 बार देखा गया.

गूगल अधिकारी ने समिति को बताया कि इसी तिमाही के दौरान यू-ट्यूब ने अपने सामुदायिक दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए 2.2 मिलियन से अधिक चैनलों को खत्म कर दिया. इसी अवधि में यू-ट्यूब ने एक अरब से अधिक टिप्पणियों को हटा दिया, जिनमें से अधिकतर स्पैम थीं और स्वचालित रूप से पहचानी गयी थीं.

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