चिकित्सकों ने नवजात को किया मृत घोषित, कब्र में चल रही थी सांसे

चिकित्सकों ने नवजात के जन्म के तुरंत बाद गलत तरीके से मृत घोषित कर दिया, जिसके बाद उसके परिवार ने उसे होलन गांव में दफनाने का फैसला किया. बच्ची को दफनाए जाने पर गांव के लोगों ने आपत्ति जताई और कब्र खोदने का दबाव डाला, कब्र से निकालने के बाद बच्ची जीवित पाई गई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2022 5:57 PM

बच्ची समय से पहले जन्मी थी, और उसे सांस लेने में तकलीफ थी. जिसे चिकित्सकों ने उसके जन्म के तुरंत बाद गलत तरीके से मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद उसके परिवार ने उसे होलन गांव में दफनाने का फैसला किया. बच्ची को दफनाए जाने पर गांव के लोगों ने आपत्ति जताई और कब्र खोदने का दबाव डाला, कब्र से निकालने के बाद बच्ची जीवित पाई गई.

Also Read: Mediversal Hospital के डॉक्टरों ने क्यों युवक का इलाज के बाद कहा- चमत्कार हो गया, पढ़िए क्या है मामला

अस्पताल में हुई नवजात की मौत

बच्ची दफनाने के एक घंटे बाद जीवित मिली, लेकिन बुधवार को जम्मू-कश्मीर (jammu kashmir) के रामबन के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सरकार द्वारा संचालित जीबी पंत बाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ नजीर हुसैन चौधरी ने बताया कि बच्ची की सांस चलती देखकर सोमवार को उसे श्रीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्होंने कहा वह समय से पहले ही जन्मी थी और उसे सांस लेने में तकलीफ थी. बच्ची का वजन भी कम था जिस कारण बच्ची को आईसीयू में भर्ती कराया गया था, जहां सुबह साढ़े छह बजे बच्ची की मौत हो गई.

नवजात की मौत पर लोगों में आक्रोश

इस घटना को लेकर डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों के खिलाफ अस्पताल परिसर के अंदर परिवार और अन्य लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. बनिहाल प्रखंड की चिकित्सा अधिकारी डॉ राबिया खान ने घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने कहा, हमने स्त्री रोग विभाग में कार्यरत एक जूनियर स्टाफ नर्स और सफाईकर्मी को जांच होने तक तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

जांच के लिए चार सदस्यीय पैनल का गठन

स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (DHS) जम्मू ने मंगलवार को बनिहाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के खिलाफ शिकायत की जांच के लिए चार सदस्यीय पैनल का गठन किया है, जहां नवजात को उसके जन्म के तुरंत बाद गलत तरीके से मृत घोषित कर दिया गया था. डीएचएस, जम्मू के सहायक निदेशक (योजनाएं) संजय तुर्की की अध्यक्षता वाली समिति को दो दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.

Next Article

Exit mobile version