सिद्धू बनेंगे पंजाब कांग्रेस के नये ‘सरदार!’, घोषणा होना बाकी, जानिए क्यों दी जा रही है उन्हें ये सलाह

पंजाब कांग्रेस में जारी सियासी दंगल के बीच कांग्रेस आलाकमान के नवजोत सिंह सिद्धू को चुप रहने की सलाह दी है. बता दें, बीते कई दिनों से चल रहे दंगल के बाद पार्टी आलाकमान की तरफ से सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है. इसकी तैयारी भी की जा रही है. हालांकि, सीएम अमरिंदर सिंह का कुनवा इसका पूरजोर विरोध कर रहा है. navjot singh siddhu, next president of punjab congress, sonia gandhi, rahul gandhi, captain amrinfer singh.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2021 10:01 AM

पंजाब कांग्रेस में जारी सियासी दंगल के बीच कांग्रेस आलाकमान के नवजोत सिंह सिद्धू को चुप रहने की सलाह दी है. बता दें, बीते कई दिनों से चल रहे दंगल के बाद पार्टी आलाकमान की तरफ से सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है. इसकी तैयारी भी की जा रही है. हालांकि, सीएम अमरिंदर सिंह का कुनवा इसका पूरजोर विरोध कर रहा है. लेकिन खबर है कि खुद सीएम कैप्टन ने इसके लिए रजामंदी जता दी है.

इधर नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस का नया मुखिया बबना तय होने के बाद सिद्धू कैंप में खुशी है. हालांकि अभी आधाकारिक घोषणा होना बाकी है. लेकिन सिद्धू के करीबीयों ने जश्न की तैयारी शुरू कर दी है. गौरतलब है कि पंजाब विवाद को सुलझाने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पंजाब प्रभारी हरीश रावत, प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक की थी.

मीडिया रिपोर्ट में खबर है कि, कांग्रेस पार्टी पंजाब के लिए सिद्धू को अध्यक्ष और उनके साथ दो और लोगों को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने पर विचार कर रही है. संभानवा जताई जा रही है कि विजय इंदर सिंगला और संतोष चौधरी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है. संतोष चौधरी को पार्टी में बड़ा पद देने का कारण यह है कि इससे पार्टी दलितों को साधने में कामयाब हो सकती है.

गौरलब है कि कांग्रेस में शामिल होने का बाद से ही सिद्धू का कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके कुनबे के साथ 36 का आंकड़ा हो गया था. पंजाब कांग्रेस का विवाद इतना बढ़ गया था कि कांग्रेस आलाकमान को बीच में आना पड़ा. हालांकि, कांग्रेस हाईकमान नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष का पद देने के लिए शुरू से मन बनाया हुआ था, लेकिन कैप्टन से विवाद के कारण बात नहीं बन पाई थी.

बहरहाल, कांग्रेस हाईकमान के इस फैसले के बाद लगता है पंजाब की राजनीति में कई दिनों से चल रहा भूचाल अब शांत हो जाएगा. पंजाब की कमान नवजोत सिंह सिद्धू के हाथों में देने के फैसले और इसमें कैप्टन की रजामंदी से जाहिर होता है कि पंजाब में कांग्रेस का विवाद खत्म हो गया है. लेकिन गैरतलब है कि राजनीति में कुछ भी परमानेंट नहीं होता, एसे में देखना है कि पंजाब में सबकुछ शांत रहता है या फिर सियासी जंग छिड़ेगी.

Posted by: Pritish Sahay

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