कृषि कानूनों के खिलाफ केरल विधानसभा में पेश, भाजपा विधायक ने भी किया समर्थन

तिरुवनंतपुरम : केरल विधानसभा (Kerala Legislative Assembly) ने गुरुवार को सर्वसम्मति से केंद्र के तीनों विवादित कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव (motion against agriculture laws) पारित किया. इन कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर पिछले एक माह से अधिक समय से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रस्ताव में इन तीनों कानूनों को किसान विरोधी और उद्योगपतियों के हित में बताया गया है. यह प्रस्ताव कोविड-19 के नियमों का अनुपालन करते हुए बुलाये गये विशेष सत्र में पारित किया गया.

By AmleshNandan Sinha | December 31, 2020 4:25 PM

तिरुवनंतपुरम : केरल विधानसभा (Kerala Legislative Assembly) ने गुरुवार को सर्वसम्मति से केंद्र के तीनों विवादित कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव (motion against agriculture laws) पारित किया. इन कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर पिछले एक माह से अधिक समय से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रस्ताव में इन तीनों कानूनों को किसान विरोधी और उद्योगपतियों के हित में बताया गया है. यह प्रस्ताव कोविड-19 के नियमों का अनुपालन करते हुए बुलाये गये विशेष सत्र में पारित किया गया.

केरल विधानसभा में भाजपा के एकमात्र विधायक ओ राजगोपाल ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया. केरल विधानसभा के विशेष सत्र में गुरुवार को मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने प्रस्ताव रखा, जिसे सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ), विपक्षी कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) और भाजपा के समर्थन से सर्वसम्मति से पारित किया गया.

सत्र के बाद राजगोपाल ने पत्रकारों से कहा, ‘प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया. मैंने कुछ बिंदुओं (प्रस्ताव में) के संबंध में अपनी राय रखी, इसको लेकर विचारों में अंतर था जिसे मैंने सदन में रेखांकित किया. उन्होंन कहा कि मैंने प्रस्ताव का पूरी तरह से समर्थन किया. जब राजगोपाल का ध्यान इस ओर आकर्षित कराया गया कि प्रस्ताव में तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की गयी है, तब भी उन्होंने प्रस्ताव का समर्थन करने की बात कही.

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राजगोपाल ने कहा कि मैंने प्रस्ताव का समर्थन किया और केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह सदन की आम राय से सहमत हैं. राजगोपाल ने कहा कि यह लोकतांत्रिक भावना है.

जब राजगोपाल से कहा गया कि वह पार्टी के रुख के खिलाफ जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रणाली है और हमें सर्वसम्मति के अनुरूप चलने की जरूरत है. हालांकि, विशेष सत्र के दौरान सदन में राजगोपाल ने चर्चा के दौरान कहा था कि नये कानून किसानों के हितों की रक्षा करेंगे और बिचौलियों से बचा जा सकेगा.

Posted by: Amlesh Nandan

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