मणिपुर में घात लगाकर किए हमले की एमएनपीएफ ने ली जिम्मेदारी, प्रतिबंधित संगठन ने नोट जारी कर सेना को दी हिदायत

मणिपुर के चुराचांदपुर इलाके में उग्रवादियों ने शनिवार की सुबह असम राइफल्स की 46वीं बटालियन का काफिले पर घात लगाकर हमला कर दिया था. इस हमले में कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी और बेटे समेत पांच जवान शहीद हो गए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2021 11:01 AM

नई दिल्ली/कोलकाता : मणिपुर में शनिवार को असम राइफल्स के काफिले पर हुए घात लगाकर किए गए हमले की मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट (एमएनपीएफ) ने जिम्मेदारी ली है. आतंकियों के इस हमले में असम राइफल्स के कमांडर कर्नल विप्लव त्रिपाठी समेत पांच जवान शहीद हो गए हैं. इस काफिले में कर्नल त्रिपाठी का परिवार भी शामिल था.

बताया जाता है कि इसमें उनके परिवार के एक अन्य सदस्य की भी मौत हो गई है. प्रतिबंधित संगठन एमएनपीएफ ने नोट जारी कर सेना को हिदायत दी है कि काफिले में जवान परिवार के लोगों को शामिल न करें और न ही संवेदनशील इलाकों में परिवार के साथ रहें.

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, मणिपुर के चुराचांदपुर इलाके में उग्रवादियों ने शनिवार की सुबह असम राइफल्स की 46वीं बटालियन का काफिले पर घात लगाकर हमला कर दिया था. इस हमले में कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी और बेटे समेत पांच जवान शहीद हो गए. हमले में घायल जवानों को इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल करा दिया गया है.

बताया जा रहा है कि हमले में शहीद हुए कर्नल त्रिपाठी अपने स्वतंत्रता सेनानी दादा से प्रेरित थे. उनके दादा संविधान सभा के सदस्य भी थे. कर्नल विप्लव त्रिपाठी के रिश्तेदार राजेश पटनायक के अनुसार, विप्लव अपने दादा, एक महान स्वतंत्रता सेनानी से प्रेरणा लेकर राष्ट्र की सेवा करने के लक्ष्य के साथ भारतीय सेना में शामिल हुए थे. सेना में जाने के लिए उनके माता-पिता ने प्रेरित किया. उनके पिता वरिष्ठ पत्रकार और माता सामाजिक कार्यकर्ता हैं.

मणिपुर में सक्रिय एमएनपीएफ ने एक नोट के जरिए हमले की जिम्मेदारी ली है. जारी नोट में इस आतंकवादी संगठन की ओर से शनिवार के हमले का जिक्र किया गया है. नोट में कहा गया है कि हमला करने वालों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि असम राइफल्स के काफिले में कर्नल विप्लव त्रिपाठी और उनका परिवार भी शामिल है.

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इस नोट में आतंकवादी संगठन ने जवानों को नसीहत दी है कि काफिले में अपने परिवार को साथ लेकर न आएं. इसमें यह भी कहा गया है कि सुरक्षा के लिहाज से सरकार ने जिन इलाकों को संवेदनशील घोषित किया है, उन इलाकों में जवानों को परिवार के साथ रहना ठीक नहीं है. यह नोट एमएनपीएफ के प्रचार उप सचिव रोबेन खुमान और थॉमस नुमाई की ओर से जारी किया गया है, जिसमें हमले की जिम्मेदारी ली गई है.

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