Manoj Kumar Passes Away: सत्ता से लिया पंगा, दे दी मात, क्या था इंदिरा सरकार का ऑफर जिसे एक झटके में मनोज कुमार ने ठुकराया

Manoj Kumar News: बॉलीवुड के महान अभिनेता मनोज कुमार की आज सुबह ही मृत्यु की दुखद खबर सामने आई. इनसे जुड़ी एक राजनीतिक खबर भी रही है जब आपातकाल के दौर में इंदिरा सरकार के सामने डट गए थे मनोज कुमार. आइए इस कहानी के बारे में बताते हैं.

By Ayush Raj Dwivedi | April 4, 2025 8:47 AM

Manoj Kumar Passes Away: भारतीय सिनेमा के महान अभिनेता मनोज कुमार ने अपनी फिल्मों से न केवल दर्शकों का दिल जीता. बल्कि देशभक्ति और सामाजिक संदेशों को भी बड़े प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया. उनके निधन के साथ हिंदी सिनेमा ने एक दिग्गज को खो दिया, लेकिन उनकी फिल्मों और सिद्धांतों की छाप हमेशा बनी रहेगी. 4 अप्रैल को 87 वर्ष की उम्र में मनोज कुमार का निधन हो गया.

मनोज कुमार का जीवन सिर्फ फिल्मों तक सीमित नहीं था, बल्कि वह एक साहसी और सशक्त व्यक्तित्व के रूप में भी पहचाने जाते थे. उनके साहस और संघर्ष के कई किस्से हैं, जिनमें एक खास घटना उनके और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बीच हुई विवाद से जुड़ी है. आईए इनके बारे में जानते हैं.

आपातकाल के दौरान मनोज कुमार का विरोध

आपातकाल की घोषणा के बाद, मनोज कुमार ने इसे खुलकर विरोध किया, जबकि उस वक्त कई फिल्मी सितारे इसके पक्ष में खड़े थे. मनोज का यह विरोध केवल उनके व्यक्तिगत विचारों तक सीमित नहीं था, बल्कि उनके विरोध के कारण उनकी फिल्मों पर भी असर पड़ा. उनकी फिल्म ‘दस नंबरी’ को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बैन कर दिया, और बाद में उनकी फिल्म ‘शोर’ का भी कुछ ऐसा ही हश्र हुआ. ‘शोर’ के निर्देशक और निर्माता खुद मनोज कुमार थे और फिल्म के रिलीज से पहले ही इसे दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया, जिससे फिल्म के सिनेमाघरों में अच्छा व्यवसाय नहीं हो पाया और उसे भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. बाद में वो कोर्ट पहुंचे और कानून का दरवाजा खटखटाया और इसका फायदा भी इनको मिला. वह एकमात्र ऐसे फिल्ममेकर हैं जिन्होंने भारत सरकार के खिलाफ केस जीता.

सरकार का ऑफर ठुकराया

मनोज कुमार की इस हिम्मत को देखकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने उन्हें आपातकाल पर एक फिल्म बनाने का प्रस्ताव दिया, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया. यह फिल्म अमृता प्रीतम द्वारा लिखी जा रही थी और एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बननी थी. जब मनोज को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने अमृता प्रीतम को कड़ी फटकार लगाई. अंततः यह फिल्म कभी बन नहीं पाई.