Chinese Apps Ban: भारत ने क्यों बैन किये 118 ऐप? यहां जानिए जवाब

CHINESE APPS BANNED, PUBG BANNED, PUBG MOBILE: केंद्रीय दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि जिन 118 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाये गये हैं, उनके साथ सुरक्षा, निगरानी और भारतीय उपयोक्ताओं (यूजरों) की सूचनाओं की गोपनीयता से संबंधित दिक्कतें थीं.

By Agency | September 2, 2020 11:29 PM

Chinese Apps Banned, PUBG Ban: नयी दिल्ली : केंद्रीय दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि जिन 118 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाये गये हैं, उनके साथ सुरक्षा, निगरानी और भारतीय उपयोक्ताओं (यूजरों) की सूचनाओं की गोपनीयता से संबंधित दिक्कतें थीं.

उन्होंने कहा कि भारत ऐसे देशों में से है, जहां मोबाइल ऐप सर्वाधिक डाउनलोड किये जाते हैं. अब सरकार ने ‘मेड इन इंडिया’ ऐप पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है. प्रसाद ने अमेरिका-भारत रणनीतिक भागीदारी फोरम की एक आभासी संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, हमने आज ऐसे अन्य 118 ऐप को प्रतिबंधित कर दिया, जिनके साथ सुरक्षा, निगरानी और डेटा संबंधी दिक्कतें थीं.

सरकार ने लोकप्रिय गेमिंग ऐप पबजी सहित चीन की कंपनियों से जुड़े 118 अन्य मोबाइल ऐप पर बुधवार को प्रतिबंध लगा दिया. इन्हें भारत की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा और शांति-व्यवस्था के लिए खतरनाक मानते हुए इन पर पाबंदी लगायी गयी है. इससे चीन की कंपनियों से संबंधित जिन ऐप पर भारत में प्रतिबंध लगाया गया है, उनकी संख्या बढ़कर अब 224 हो गयी है.

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एक आधिकारिक बयान के अनुसार, बुधवार को प्रतिबंधित ऐप में बायदू, बायदू एक्सप्रेस एडिशन, अलीपे, टेनसेंट वॉचलिस्ट, फेसयू, वीचैट रीडिंग, गवर्नमेंट वीचैट, टेनसेंट वेयुन, आपुस लांचर प्रो, आपुस सिक्योरिटी, कट कट, शेयरसेवा बाइ श्याओमी और कैमकार्ड के अलावा पबजी मोबाइल और पबजी मोबाइल लाइट शामिल हैं.

बयान में कहा गया कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय को विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं. इन शिकायतों में एंड्रॉयड व आईओएस जैसे प्लेटफॉर्म पर मौजूद कुछ मोबाइल ऐप के उपयोक्ताओं (यूजरों) का डेटा चुराकर देश से बाहर के सर्वरों पर भंडारित किये जाने की रपटें भी शामिल हैं.

बयान में कहा गया, इन सूचनाओं का संकलन, इनका विश्लेषण आदि ऐसे तत्व कर रहे हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की रक्षा के लिये खतरा हैं. यह अंतत: भारत की संप्रभुता और अखंडता पर जोखिम उत्पन्न करता है. यह बेहद गंभीर मसला है, जिसके लिये त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता थी.

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प्रसाद ने इस बीच बताया कि सैमसंग, अनुबंध पर विनिर्माण करने वाली कंपनियों समेत कई अन्य कंपनियों ने आने वाले पांच साल में भारत में 153 अरब डॉलर के मोबाइल फोन व कल-पुर्ज बनाने की प्रतिबद्धता जाहिर की है. उन्होंने कहा, यह इस चुनौतीपूर्ण समय में भी भारत की संभावनाएं बताता है.

उन्होंने कहा, जैसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, हम अगले एक हजार दिन के भीतर छह लाख गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ने वाले हैं. उन्होंने कहा कि सरकार एक लाख गांवों को डिजिटल गांव के रूप में तैयार करना चाहती है. उन्होंने अमेरिका की कंपनियों से कुछ गांवों का चयन करने तथा शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में उनका सलाह देने का भी अनुरोध किया.

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