ऑस्ट्रेलिया के आसमान पर गरजे वायुसेना के SU-30 विमान, पिच ब्लैक अभ्यास में ले रहे हिस्सा

Pitch Black Exercise 2022: एशिया में चीन के रूप में उभरती हुई ताकत के खिलाफ क्वाड देश लामबंद हो रहे हैं. ऐसे में क्वाड देशों के बीच आपसी सहयोग और संबंध को मजबूत करने के साथ साथ आपस में सैन्य सहयोग बढ़ाने के इरादे से इस तरह का आयोजन किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2022 11:02 PM

Pitch Black Exercise 2022: ऑस्ट्रेलिया के आसमान में भारतीय लड़ाकू विमानों की गरज सुनाई दे रही है. ऑस्ट्रेलिया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय युद्धाभ्यास एक्सरसाइज पिच ब्लैक (Pitch Black 2022) में शिरकत करने के लिए इंडियन एयरफोर्स के चार सुखोई-30 विमान पहुंच चुके हैं. बता दें यह आयोजन 19 अगस्त 2022 से 8 सितंबर 2022 होगा. इस युद्धाभ्यास में भारत अमेरिका समेत कई देश हिस्सा ले रहे हैं.

क्वाड देशों में रिश्तों को और मजबूत करने की कवायद: एशिया में चीन के रूप में उभरती हुई ताकत के खिलाफ क्वाड देश लामबंद हो रहे हैं. ऐसे में क्वाड देशों के बीच आपसी सहयोग और संबंध को मजबूत करने के साथ साथ आपस में सैन्य सहयोग बढ़ाने के इरादे से इस तरह का आयोजन किया जा रहा है.

कई देश ले रहे हैं युद्धाभ्यास में हिस्सा: ऑस्ट्रेलिया में होने वाले द्विवार्षिक वायुसैनिक अभ्यास का नाम पिच ब्लैक (Pitch Black 2022) रखा गया है. युद्धाभ्यास का आयोजन रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स ने किया है. इसमें 16 देशों की वायुसेना अपने लड़ाकू विमानों के साथ हिस्सा ले रही है. भारत के अलावा इस अभ्यास में जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका और जापान की वायुसेनाएं हिस्सा ले रही हैं.

बता दें, यह युद्धाभ्यास हर दो साल में आयोजित किया जाता है. इस बार अभ्यास का आयोजन रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स कर रहा है. आयोजन ऑस्ट्रेलिया के डार्विन में हो रहा है. जिसमें एक दर्जन से ज्यादा देशों के विमान और सैनिक हिस्सा ले रहे हैं. आयोजन का मकसद आपसी सहयोग विशेषकर सैन्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है. भारतीय वायुसेना अभ्यास में भाग लेने के लिए अपने सुखोई लड़ाकू विमानों के साथ डार्विन पहुंच गई है.

कोरोना के कारण पिछली बार नहीं हुआ था आयोजन: गौरतलब है कि बीते दो साल पहले कोरोना के कारण युद्धाभ्यास का आयोजन नहीं किया गया था. यानी इस बार चार साल बाद यह आयोजन किया जा रहा है. इससे पहले साल 2018 में युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया था. इस अभ्यास में 100 से ज्यादा लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं.

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