हरीश रावत ने उत्तराखंड के गुरुद्धारे में प्रायश्चित के रूप में लगाया झाड़ू, श्रद्धालुओं के जूते साफ किये

Harish Rawat, Panj Pyare, Uttarakhand, Gurudwara : उधमसिंह नगर : पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने प्रदेश प्रभारियों को 'पंज प्यारे' की संज्ञा देने के बाद आपत्ति जताने पर माफी मांगी थी. आज उन्होंने प्रायश्चित करते हुए उत्तराखंड के गुरुद्वारे में श्रद्धालुओं के जूते साफ किये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2021 8:36 PM

उधमसिंह नगर : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने प्रदेश प्रभारियों को ‘पंज प्यारे’ की संज्ञा देने के बाद आपत्ति जताने पर माफी मांगी थी. आज उन्होंने प्रायश्चित के तौर पर उत्तराखंड के गुरुद्वारे में श्रद्धालुओं के जूते साफ किये.

मालूम हो कि हरीश रावत पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात के बाद प्रदेश प्रधान और चार कार्यकारी अध्यक्षों को ‘पंज प्यारे’ की संज्ञा दी थी. इसके बाद शिरोमणि अकाली दल द्वारा कांग्रेस नेता के बयान पर आपत्ति जताने पर उन्होंने माफी भी मांगी थी.

पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने प्राश्चित के रूप में शुक्रवार को उत्तराखंड के उधमसिंह नगर में खटीमा के पास नानकमत्ता गुरुद्वारे में झाड़ू लगाये और श्रद्धालुओं के जूते साफ किये. मालूम हो कि माफी मांगने के साथ उन्होंने उत्तराखंड जाकर गुरुद्वारे में झाड़ू लगाने की बात कही थी.

नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात के बाद हरीश रावत ने कहा था कि ”जहां तक ​​मुझे पता है, नवजोत सिंह सिद्धू पहले पीसीसी प्रमुख हैं, जिन्होंने सभी फ्रंटल संगठनों और अन्य लोगों के साथ बैठक कर यह पता लगाया कि उन्हें अपने कार्यों में कहां समस्याएं आ रही हैं और इसे कैसे हल किया जा सकता है.”

साथ ही उन्होंने कहा था कि ”पीसीसी प्रमुख, उनकी टीम और हमारे “पंज प्यारे” (नवजोत सिंह सिद्धू + 4 कार्यकारी अध्यक्षों) के साथ चर्चा करना मेरी जिम्मेदारी थी. सिद्धू ने मुझसे कहा है कि चुनाव, संगठनात्मक ढांचे पर चर्चा तेज कर दी जायेगी… निश्चिंत रहें, पीसीसी काम कर रही है.”

पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा था कि ”मैंने उस शब्द (पंज प्यारे) को एक सम्मानित व्यक्ति के संदर्भ के रूप में इस्तेमाल किया. फिर भी, अगर मेरे शब्दों से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं माफी मांगता हूं और अपने शब्दों को वापस लेता हूं. प्रायश्चित के लिए, मैं अपने राज्य (उत्तराखंड) में एक गुरुद्वारे के फर्श पर झाड़ू लगाऊंगा.”

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