India China Face Off : बेशर्म चीन ने गलवान घाटी पर किया फर्जी दावा, भारत ने दिया तगड़ा जवाब

GalwanValley is part of India, China making fake claims , Indo-China violent face-off , Galwan Valley Ladakh, india china border dispute : लद्दाख के गलवान घाटी पर चीन के फर्जी दावे पर भारत ने करारा जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि गलवान भारत का हमेशा से हिस्‍सा रहा है और चीन इसपर अपना फर्जी दावा कर रहा है. भारत ने कहा, गलवान घाटी में एलएसी को लेकर चीनी पक्ष की ओर से बढ़ा-चढ़ाकर और झूठे दावे करने के प्रयास स्वीकार नहीं है.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 20, 2020 10:27 PM

नयी दिल्‍ली : लद्दाख के गलवान घाटी पर चीन के फर्जी दावे पर भारत ने करारा जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि गलवान भारत का हमेशा से हिस्‍सा रहा है और चीन इसपर अपना फर्जी दावा कर रहा है. भारत ने कहा, गलवान घाटी में एलएसी को लेकर चीनी पक्ष की ओर से बढ़ा-चढ़ाकर और झूठे दावे करने के प्रयास स्वीकार नहीं है.

विदेश मंत्रालय ने कहा, गलवान पर चीन का दावा अतीत की स्थिति के अनुरूप नहीं है. भारतीय सेनाएं गलवान घाटी समेत भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के सभी सेक्टरों में एलएसी के संरेखण से पूरी तरह परिचित हैं. विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की.

भारतीय सैनिक लंबे समय से इस इलाके में गश्त करते रहे है और कोई घटना नहीं हुई. गलवान को लेकर चीन के दावे पर विदेश मंत्रालय ने कहा, मई की शुरुआत से चीनी पक्ष इस क्षेत्र में भारत की सामान्य गश्त प्रक्रिया में बाधा डाल रहा है, लेकिन चीनी पक्ष द्वारा अतिक्रमण की गतिविधियों का हमेशा हमारी ओर से उचित जवाब दिया गया है.

मालूम हो गलवान घाटी पर चीन के संप्रभुता के दावे को भारत पहले ही खारिज कर चुका है. भारत का कहना है कि इस तरह का ‘बढ़ा चढ़ाकर’ किया गया दावा छह जून को उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में बनी सहमति के खिलाफ है.


क्‍या है चीन का दावा

चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को दावा किया था कि गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की तरफ है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने 15 जून को पूर्वी लद्दाख में हिंसक झड़प के लिए एक बार फिर भारत पर दोष मढ़ा और कहा, गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी हिस्से में आता है. कई वर्षों से वहां चीनी सुरक्षा गार्ड गश्त कर रहे हैं और अपनी ड्यूटी निभाते हैं.

मोदी के बयान पर हुआ बवाल

इससे पहले गलवान घाटी में हुए संघर्ष के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सर्वदलीय बैठक में की गई टिप्पणियों की जमकर आलोचना हुई और बाद में पीएमओ की ओर से बयान जारी करना पड़ा.

मोदी ने इस बैठक में कहा था कि भारतीय क्षेत्र में कोई नहीं घुसा है और न ही किसी सैन्य चौकी पर कब्जा हुआ है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार को हुई बैठक में मोदी की टिप्पणियां गलवान घाटी में 15 जून के घटनाक्रम पर केंद्रित थीं जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए.

इसमें कहा गया, प्रधानमंत्री की इन टिप्पणियां का, कि एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर हमारी तरफ कोई चीनी मौजूदगी नहीं है, संबंध हमारे सशस्त्र बलों की वीरता के परिणाम संबंधी उत्पन्न स्थिति से था. कांग्रेस तथा रणनीतिक मामलों के कई विशेषज्ञों ने मोदी की टिप्पणियों पर सवाल उठाए थे और पूछा था कि यदि चीनी सेना ने गलवान घाटी में कोई अतिक्रमण नहीं किया है तो भारतीय सैनिकों की जान कहां गई. उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या मोदी ने गतिरोध को लेकर चीन को क्लीन चिट दे दी है.

posted by – arbind kumar mishra

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