‘नई दिल्ली को पछताना पड़ेगा’, फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र को क्यों दी सख्त चेतावनी
Farooq Abdullah News: नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि सरकार ने समय रहते जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा नहीं दिया, तो नई दिल्ली को अपने फैसलों पर पछताना पड़ेगा. उन्होंने 2019 के फैसलों को जनता के भरोसे के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि न्याय और समानता का सवाल है.
Farooq Abdullah News: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए 5 साल बीत चुके हैं, लेकिन इस मुद्दे पर राजनीतिक बहस अब भी थमी नहीं है. विपक्षी दलों का विरोध जारी है और अब इस मुद्दे पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को लेकर बड़ा बयान दे दिया है.
“राज्य का दर्जा लौटाओ, वरना पछताना पड़ेगा” – फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला ने दो टूक कहा है कि केंद्र सरकार को समय रहते जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा देना चाहिए, वरना उसे अपने फैसलों पर पछताना पड़ेगा. उन्होंने यह बयान पार्टी कार्यकर्ताओं से एक मुलाकात के दौरान दिया. उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद केंद्र ने जो भी निर्णय लिए, वे जनता का भरोसा जीतने में नाकाम रहे. बल्कि इन निर्णयों ने जनता को नई दिल्ली से और दूर कर दिया है.
अनंतनाग में कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान कड़ी टिप्पणी
फारूक अब्दुल्ला ने यह बयान अनंतनाग वेस्ट से विधायक अब्दुल मजीद भट लारमी के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान दिया. इस बैठक में संगठनात्मक मुद्दों और जनसंपर्क अभियानों पर चर्चा हुई. अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार ने कई बार लोगों का विश्वास जीतने के मौके गंवाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सुरक्षा आधारित दृष्टिकोण हमेशा आम जनता के विश्वास और लोकतंत्र पर भारी रहा है.
2024 विधानसभा चुनावों की भागीदारी का जिक्र
अब्दुल्ला ने कहा कि हाल ही में हुए 2024 विधानसभा चुनावों में जनता की बड़ी भागीदारी यह दिखाती है कि जम्मू-कश्मीर के लोग भारतीय संविधान और लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं. लेकिन राज्य का दर्जा बहाल न करना उसी लोकतांत्रिक विश्वास को कमजोर कर रहा है.
“यह केवल राजनीति नहीं, न्याय और समानता का सवाल है”
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि न्याय, समानता और संवैधानिक गारंटियों का मामला है. उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह जनता से किए गए वादों को निभाए, और तत्काल राज्य का दर्जा बहाल करे.
