क्या वैक्सीन लेने के बाद बढ़ जाता है कोरोना संक्रमण का खतरा? इजरायल में वैज्ञानिकों ने किया शोध

अगर आप भी इस सवाल का जवाब तलाश रहे हैं तो इजरायल के वैज्ञानिकों का शोध आपको पढ़ना चाहिए. इस शोध में उन्होंने बताया कि वैक्सीन ले चुके लोगों पर दक्षिण अफ्रीकी वेरियंट से खतरा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2021 12:28 PM

देश के कई राज्यों से खबर आती है कि वैसे लोगों को भी संक्रमण हो गया जिन्होंने वैक्सीन ले ली. कुछ लोगों की मौत के आंकड़े सामने आते हैं जिन्होंने वैक्सीन लिया उसके बाद भी संक्रमण का शिकार हुए और मौत हो गयी. ऐसे में सवाल उठता है कि कोरोना वैक्सीन के बाद संक्रमण का खतरा कितना ज्यादा है ?

अगर आप भी इस सवाल का जवाब तलाश रहे हैं तो इजरायल के वैज्ञानिकों का शोध आपको पढ़ना चाहिए. इस शोध में उन्होंने बताया कि वैक्सीन ले चुके लोगों पर दक्षिण अफ्रीकी वेरियंट से खतरा है.

वैक्सीन ले चुके लोगों को इससे ज्यादा खतरा इसलिए है क्योंकि यह कोरोना संक्रमण वैक्सीन ले चुके लोगों को ज्यादा होता है, जो सामान्य लोगों से आठ गुना ज्यादा है. इस शोध में कई गभीर बातें कही गयी है. नवभारत टाइम्स में छपी एक खबर के अनुसार भारत में स्थिति इतनी गंभीर नहीं है और इसे लेकर भारत के प्रमुख विषाणु विशेषज्ञ अलग राय रखते हैं, उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा मामला इतना गंभीर नहीं है जितना शोध में बताया गया है.

अब समझ लीजिए शोध में क्या है. तो इस शोध में उन लोगों को शामिल किया गया जिन्होंने कोरोना की वैक्सीन ले ली है. इनसे जो परिणाण आये उनकी तुलना वैसे संक्रमितों से की गयी जिन्होंने अबतक वैक्सीन नहीं ली.

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शोध में ज्यादातर लोगों में यूके वायरस का वेरियेंट था . साउथ अफ्रीका से आये कोरोना संक्रमण के वेरियेंट की संख्या कम पायी गयी . जिन लोगो ने वैक्सीन की पहली डोज ली थी और इसे लेते हुए दो सप्ताह से कम हुआ था उनमें यूपे वेरियंट दिखा लेकिन जिन लोगों ने दोनो डोज ले लिये थे उनें टीका नहीं लेने वालों की तुलना में अफ्रीकन वेरियेंट ज्यादा दिखा.

इससे यह जाहिर हो गया कि वैक्सीन के बाद कोरोना संक्रमण का खतरा कम होता है खत्म नहीं होता. शोध में पता चला कि 9 में से 8 व्यक्ति वैक्सीन लेकर साउथ अफ्रीका के वेरियेंट की चपेट में है वहीं 1व्यक्ति बगैर वैक्सीन लिये इसकी चपेट में था. गौर करने वाली बात यह भी है कि यह सिर्फ फाइज वैक्सीन लेने वालों पर शोध किया गया है संभव हो कि किसी और वैक्सीन में यह खतरा ना हो या कोई नये तरह का खतरा हो.

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भारत में इसे लेकर क्या असर पड़ेगा. इसके जवाब में विशेषज्ञ यह कहते हैं कि सभी वैक्सीन पर शोध के बाद ही यह कहा जा सकता है कि इसका कितना असर पड़ेगा. भारत में फाइजर वैक्सीन का इस्तेमाल नहीं हो रहा है ऐसे में यह कहना कि इसका भारत पर कितना असर होगा कहना मुश्किल है. भारत में साउथ अफ्रीकी वेरियेंट के मामले भी ज्यादा नहीं है.

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