दिल्ली सेवा बिल लोकसभा में पास, AAP सांसद सुशील कुमार रिंकू पूरे सत्र के लिए निलंबित, I-N-D-I-A पर शाह का हमला
लोसकभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, मैंने प्रयास किया कि माननीय सदस्य सुशील कुमार रिंकू सदन की गरिमा बनाए रखें. लेकिन उन्होंने सदन की मर्यादा को कम करने का प्रयास किया. जोशी ने प्रस्ताव दिया, नियम 374 के तहत मैं यह प्रस्ताव रखता हूं कि रिंकू को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया जाए.
दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक, 2023 लोकसभा में पास हो गया. I-N-D-I-A गठबंधन के सदस्यों के वाकआउट के बाद बिल को ध्वनि मत से पारित किया गया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विधेयक पर चर्चा करते हुए आम आदमी पार्टी और विपक्ष पर जमकर हमला बोला. वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार रिंकू को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है. इससे पहले आम सांसद संजय सिंह को भी निलंबित किया गया था.
आसन के सामने कागज फाड़कर फेंकने के आरोप में रिंकू सिंह निलंबित
आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार रिंकू को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के सामने कागज फाड़कर फेंकने के लिए वर्तमान मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया. निचले सदन में दिल्ली में अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना से जुड़े ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ के पारित होने के बाद रिंकू के खिलाफ यह कार्रवाई की गई. विधेयक पारित होने के तत्काल बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया, आम आदमी पार्टी के सदस्य रिंकू ने कागज फेड़कर आसन के सामने फेंका है. इनको निलंबित किया जाए.
नियम 374 के तहत रिंकू सिंह निलंबित
लोसकभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, मैंने प्रयास किया कि माननीय सदस्य सुशील कुमार रिंकू सदन की गरिमा बनाए रखें. लेकिन उन्होंने सदन की मर्यादा को कम करने का प्रयास किया. मैं उन्हें नामित करता हूं. इसके बाद जोशी ने प्रस्ताव दिया, नियम 374 के तहत मैं यह प्रस्ताव रखता हूं कि रिंकू ने आसन के सामने कागज फेड़कर फेंका है, ऐसे में उन्हें सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया जाए. बिरला ने कहा कि सुशील कुमार रिंकू को इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया जाता है. इससे पहले विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए रिंकू ने आरोप लगाया था कि इस विधेयक के पारित होने से संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की सोच खत्म हो जाएगी.
#WATCH | AAP MP Sushil Kumar Rinku suspended from Lok Sabha for the remainder of the monsoon session for throwing papers at the Chair.
Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi moved the motion. Speaker Om Birla sought approval of the House before announcing the decision. pic.twitter.com/RbVrezUvza
— ANI (@ANI) August 3, 2023
विधेयक पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने आप पर बोला हमला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, आम आदमी पार्टी नीत दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली सेवा विधेयक का विरोध करने का मकसद विजिलेंस को नियंत्रण में लेकर ‘बंगले’ का और भ्रष्टाचार का सच छिपाना है और ऐसे में सभी दलों को देश और दिल्ली के भले को ध्यान में रखना चाहिए. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली (संशोधन) विधेयक, 2023 पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने बिना किसी टकराव के लंबे समय तक दिल्ली में शासन किया, लेकिन समस्याएं 2015 में उस वक्त पैदा हुईं जब एक सरकार आई जिसका मकसद सेवा करना नहीं, बल्कि झगड़ा करना है.
शाह ने I-N-D-I-A पर बोला हमला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, I-N-D-I-A के विपक्षी दलों ने सदन में पारित किसी भी विधेयक पर बहस में हिस्सा नहीं लिया और मणिपुर की स्थिति पर बहस को लेकर अपनी मांगों को लेकर विरोध करते रहे. विपक्षी बेंचों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने पूछा कि ऐसा क्या बदलाव आया है कि वे दिल्ली से संबंधित विधेयक में भाग ले रहे हैं. विपक्ष की प्राथमिकता अपने गठबंधन को बचाना है. विपक्ष को मणिपुर की चिंता नहीं है. हर कोई एक राज्य के अधिकारों के बारे में बात कर रहा है. लेकिन कौन सा राज्य? अमित शाह ने कहा, ‘दिल्ली एक राज्य नहीं बल्कि एक केंद्र शासित प्रदेश है…संसद को दिल्ली के लिए कानून बनाने का अधिकार है. उन्होंने आगे कहा, दिल्ली सेवा बिल पास हुआ तो गठबंधन टूट जाएगा.
अमित शाह के पास दिल्ली सेवा विधेयक के पक्ष में एक भी वाजिब तर्क नहीं है: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पास जीएनसीटीडी (संशोधन) विधेयक, 2023 लाने के पक्ष में एक भी वाजिब तर्क नहीं है और जोर दिया कि विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ कभी ऐसा नहीं होने देगा. विधेयक पेश होने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में केजरीवाल ने कहा कि यह दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक है. केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, आज लोकसभा में अमित शाह जी को दिल्ली वालों के अधिकार छीनने वाले विधेयक पर बोलते सुना. विधेयक का समर्थन करने के लिए उनके पास एक भी वाजिब तर्क नहीं है. बस इधर-उधर की फालतू बातें कर रहे थे. वह भी जानते हैं, वह गलत कर रहे हैं. ये दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक है. उन्हें बेबस और लाचार बनाने वाला विधेयक है. ‘इंडिया’ ऐसा कभी नहीं होने देगा.
क्या है मामला
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रशासन में ग्रुप-ए अधिकारियों के नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ टकराव है. केंद्र ने मई में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) अध्यादेश, 2023 जारी किया, जिसने दिल्ली में सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंपने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलट दिया.
इन सांसदों ने किया विधेयक का विरोध
शिवसेना (यूबीटी) के विनायक राउत ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इस विधेयक के माध्यम से यहां ‘लोकतंत्र की हत्या’ की शुरुआत हो गयी है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में विधानसभा है, यहां जनता विधायक चुनती है, मुख्यमंत्री निर्वाचित करती है, मंत्री निर्वाचित करती है, ऐसे में यह विधेयक असंवैधानिक है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के ए एम मारिफ ने कहा कि दिल्ली में गैर-भाजपा सरकार है इसलिए केंद्र सरकार यहां अपना नियंत्रण चाहती है. एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस विधेयक को लाकर ‘दिनदहाड़े संवैधानिक धोखाधड़ी’ की जा रही है. कांग्रेस के कार्ति चिदंबरम ने कहा कि मणिपुर जल रहा है, वहां जातीय हिंसा हो रही है, लेकिन यह सरकार वहां हस्तक्षेप नहीं कर रही. उन्होंने कहा कि लेकिन यह सरकार दिल्ली सरकार के कामकाज में अवरोध डाल रही है. चर्चा में भाग लेते हुए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सांसद अब्दुस्समद समदानी ने कहा कि दिल्ली से जुड़ा विधेयक गलत नीयत से लाया गया है और यह ‘नकारात्मक विधेयक’ संविधान के खिलाफ है.