Cyclone Alert : आने वाला है खतरनाक तूफान, बारिश को लेकर आ गया अलर्ट

Cyclone Alert : वर्तमान में अरब सागर के एक हिस्से का मौसम इस सिस्टम के गहराने के लिए अनुकूल है. जैसे-जैसे यह पश्चिम की ओर बढ़ेगा, इसकी ताकत और प्रभाव दोनों बढ़ने की संभावना है. जानें स्काईमेट वेदर ने तूफान को लेकर क्या बताया?

By Amitabh Kumar | October 18, 2025 2:01 PM

Cyclone Alert : मौसम की जानकारी देने वाली निजी संस्था स्काईमेट वेदर ने चक्रवात को लेकर जानकारी दी है. वेदर रिपोर्ट में बताया गया है कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर में एक कम दबाव वाला क्षेत्र बनने की संभावना है. यह सिस्टम अगले दिन तक और स्पष्ट हो जाएगा. इसके बाद 20 अक्टूबर 2025 तक इसके डिप्रेशन में बदल सकता है. डिप्रेशन या डीप डिप्रेशन के रूप में यह दक्षिण-मध्य अरब सागर में रहेगा और पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ता नजर आ सकता है. अनुकूल परिस्थितियों में यह सिस्टम पश्चिम-मध्य अरब सागर में  ट्रॉपिकल स्टॉर्म में बदल सकता है.

फिलहाल यह चक्रवात भारतीय तट से काफी दूर

जब यह सिस्टम दक्षिण-मध्य अरब सागर में डिप्रेशन के रूप में विकसित होगा, तब इसके रूट के अलावा ताकत और समय का बेहतर अंदाजा लगेगा. फिलहाल यह चक्रवात भारतीय तट से काफी दूर है, इसलिए पश्चिमी तट को कोई सीधा खतरा नहीं है. हालांकि, इसके कारण 18 से 22 अक्टूबर 2025 के बीच केरल, तटीय कर्नाटक और कोकण-गोवा में हल्की बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें हो सकती हैं.

यह चक्रवात 2023 में बने ‘तेज’ चक्रवात जैसा हो सकता है

इस नए चक्रवात का रास्ता अक्टूबर 2023 में बने ‘तेज’ चक्रवात जैसा हो सकता है. पिछले साल 2024 में पोस्ट-मानसून सीज़न में अरब सागर में कोई तूफान नहीं आया था. अक्टूबर 2023 में चक्रवात तेज 20 से 21 अक्टूबर के बीच तेजी से बढ़कर कैटेगरी-3 यानी एक्स्ट्रेमली सीवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म बन गया था. यह तूफान सोमालिया और यमन के तट की ओर बढ़ा, लेकिन जमीन से टकराने से पहले कमजोर पड़ गया और 23-24 अक्टूबर 2023 के बीच यमन के अल-महराह प्रांत में लैंडफॉल किया.

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बंगाल की खाड़ी में एक और सिस्टम बनने की संभावना

इस बीच, 22 अक्टूबर के आसपास बंगाल की खाड़ी में एक और सिस्टम बनने की संभावना है. अगर यह सिस्टम विकसित होता है, तो दक्षिणी प्रायद्वीप में बारिश का दौर जारी रहेगा और यह आने वाले दिनों में और मजबूत हो सकता है. अरब सागर में बन रहा यह सिस्टम धीरे-धीरे चक्रवात ‘मोंथा’ में बदल सकता है. हालांकि, इसका भारतीय तट पर कोई सीधा असर नहीं होगा, लेकिन दक्षिण भारत में बारिश और गरज-चमक जारी रहेगी.