कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई किसी की मौत : स्वास्थ्य मंत्रालय

Coronavirus India News कोरोना की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मरीज की मौत (Deaths Due To Lack of Oxygen) की कोई सूचना नहीं है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को सदन में एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2021 9:28 PM

Coronavirus India News कोरोना की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मरीज की मौत (Deaths Due To Lack of Oxygen) की कोई सूचना नहीं है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को सदन में एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है.

स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने बताया कि हालांकि, कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई थी. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान ऑक्सीजन की मांग 3095 मीट्रिक टन थी, जो दूसरी लहर के दौरान बढ़ कर करीब 9000 मीट्रिक टन हो गई. जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय से यह सवाल पूछा गया था कि क्या कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन नहीं मिल पाने की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है.

भारती प्रवीण पवार ने बताया कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश कोरोना के मामलों व मौत की संख्या के बारे में केंद्र को नियमित सूचना देते हैं. पवार के बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड से मौत की सूचना देने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसी के मुताबिक सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नियमित रूप से केंद्र सरकार को कोविड के मामले और इसकी वजह से हुई मौत की संख्या के बारे में सूचना देते हैं. हालांकि, किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन के अभाव में किसी की भी जान जाने की खबर नहीं दी है.

वहीं, पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यसभा में कोविड-19 के संबंध में हुई चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि कोरोना महामारी से पहले देश में ऑक्सीजन का उत्पादन 4 से 5 हजार मीट्रिक टन हुआ करता था, जिसमें से मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन तो मात्र 1100 से 1200 मीट्रिक टन हुआ करता था. उन्होंने कहा कि एकाएक बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए बहुत सारे प्रयास करने पड़े. मंडाविया ने कहा कि सरकार ने दस हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन के परिवहन की व्यवस्था की जो कोई छोटी बात नहीं है.

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