पीएम मोदी और अदाणी समूह पर कांग्रेस का एक और हमला, मुंबई के धारावी परियोजना में अनियमितता का आरोप

कांग्रेस ने मुंबई के धारावी क्षेत्र के पुनर्विकास की परियोजना को लेकर मंगलवार को सवाल किया कि क्या अडाणी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए इसकी निविदा के नियम एवं शर्तों में बदलाव किया गया? पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि सफल बोली लगाने वाले कंपनी बोली की प्रक्रिया से बाहर हो गई.

By Abhishek Anand | April 18, 2023 4:29 PM

नयी दिल्ली, कांग्रेस ने मुंबई के धारावी क्षेत्र के पुनर्विकास की परियोजना को लेकर मंगलवार को सवाल किया कि क्या अडाणी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए इसकी निविदा के नियम एवं शर्तों में बदलाव किया गया? पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि नियम एवं शर्तों में बदलाव के कारण पहले सफल बोली लगाने वाले कंपनी बोली की प्रक्रिया से बाहर हो गई और निविदा अडाणी समूह को मिल गई.

सफल बोली लगाने वाले कंपनी बोली की प्रक्रिया से पहले हुई बाहर- जयराम रमेश 

रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘जब 2018 के नवंबर महीने में निविदा जारी की गई थी तब दुबई स्थित सेकलिंक टेक्नॉलॉजी कॉर्पोरेशन ने अपनी प्रतिस्पर्धा करने वाली कंपनी अडाणी इंफ्रास्ट्रक्चर को पीछे छोड़ते हुए 7,200 करोड़ रुपये की सबसे अधिक बोली लगाई थी. रेलवे से संबंधित भूमि के हस्तांतरण से संबंधित मुद्दों के कारण उस निविदा को 2020 के नवंबर में रद्द कर दिया गया.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘नयी शर्तों के साथ एक नयी निविदा 2022 के अक्टूबर में महाराष्ट्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी की गई. अडाणी समूह ने इस टेंडर को 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाकर जीत लिया, जो पहले की बोली से 2,131 करोड़ रुपये कम है.’’

निविदा के नियमों और शर्तों में हुए बदलाव- जयराम रमेश 

रमेश ने कहा, ‘‘नियमों एवं शर्तों में जो बदलाव हुए उसके कारण सेकलिंक को फिर से बोली लगाने का मौका नहीं मिला। साथ ही, बोली लगाने वालों के लिए तय कुल संपत्ति 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपए कर दी गई, जिससे बोली लगाने वालों की संख्या सीमित हो गई.’’

पीमए को पर कांग्रेस का हमला 

उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा समर्थित महाराष्ट्र सरकार को निविदा के नियम एवं शर्तों को बदलने के लिए मजबूर किया ताकि मूल विजेता को बाहर किया जा सके और एक बार फिर अपने पसंदीदा कारोबारी समूह की मदद की जा सके? क्या झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को भी नहीं बख्शा जाएगा?’’

Next Article

Exit mobile version