CM केजरीवाल ने शिक्षकों के स्थायीकरण को लेकर की पंजाब सरकार की तारीफ, केंद्र पर साधा निशाना

केजरीवाल ने कहा, ऐसे समय में जब सरकारी नौकरियों में कटौती की जा रही है और अधिक अस्थायी कर्मचारियों को काम पर रखा जा रहा है, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 8,736 शिक्षकों की सेवाओं को स्थायी किया है.

By Agency | September 10, 2022 2:22 PM

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 8,736 स्कूल शिक्षकों को स्थायी करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) नीत पंजाब सरकार की शनिवार को सराहना की और सभी राज्य सरकारों से ऐसा कदम उठाने का आग्रह किया. केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में अतिथि शिक्षकों को स्थायी करने के लिए विधानसभा में एक विधेयक पेश किया था लेकिन केंद्र ने इसे मंजूरी नहीं दी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा एक ओर पूरे देश में अन्य सरकारें पक्की सरकारी नौकरियाँ ख़त्म करके कच्चे कर्मचारी भर्ती कर रही हैं, वहीं पंजाब सरकार ने कच्चे को पक्का करना शुरू किया है.


देश में सरकारी नौकरियों में कटौती- केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा, ऐसे समय में जब सरकारी नौकरियों में कटौती की जा रही है और अधिक अस्थायी कर्मचारियों को काम पर रखा जा रहा है, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 8,736 शिक्षकों की सेवाओं को स्थायी किया है. यह कदम दूसरों के लिए भी एक उदाहरण बनेगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली में अतिथि और स्थायी शिक्षकों के प्रयासों से शिक्षा में क्रांति लाई गई है.

अस्पताल कर्मचारियों को भी नियमित करने का किया आग्रह

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमारे अस्पतालों के स्थायी कर्मचारियों ने दिल्ली के अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक में बेहद अच्छा प्रदर्शन किया है. मैं सभी राज्य सरकारों से उनके अस्थायी कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने का आग्रह करता हूं. आम आदमी पार्टी की ओर से, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जहां भी हमारी सरकारें बनेगी, हम अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करेंगे.

Also Read: मिशन 2024: BJP के खिलाफ तेज रफ्तार में नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल व लेफ्ट के
नेताओं से की मुलाकात

मंत्रिमंडल ने सोमवार को लिया था फैसला

बता दें कि पंजाब मंत्रिमंडल ने बीते सोमवार को 10 साल की सेवा पूरी कर चुके संविदा, तदर्थ, दैनिक वेतन भोगी और अस्थायी शिक्षकों की सेवाओं को नियमित करने के लिए बनाई गई नीति को सोमवार को मंजूरी दी थी. वहीं, मंत्रिमंडल ने लगभग 9,000 शिक्षकों को एक विशेष संवर्ग में रखकर उनकी सेवाओं को नियमित करने की घोषणा की थी.