BSF: दुनिया का सबसे आधुनिक सुरक्षा बल बनाने की हो रही है कोशिश

अगला एक साल बीएसएफ के पूर्ण आधुनिकीकरण को समर्पित होगा और उसके बाद का एक साल जवानों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए पूरी तरह समर्पित होगा. इस दौरान बीएसएफ और केंद्रीय गृह मंत्रालय अनेक योजनाओं के साथ जवानों और उनके परिजन के कल्याण की दिशा में कदम उठाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने संकल्प लिया है कि बीएसएफ को अगले पांच साल में विश्व का सबसे आधुनिक सीमा सुरक्षा बल बनाना है.

By Vinay Tiwari | November 21, 2025 6:15 PM

BSF: देश की सुरक्षा में सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ) का अहम योगदान है. बीएसएफ के जवानों ने वीरता, दक्षता के साथ प्राणों की भी परवाह किए बिना प्राणों की आहुति देकर फर्स्ट रेस्पोंडेंट होने की जिम्मेदारी का बखूबी निर्वाह किया है और इस काम के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ही नहीं बल्कि पूरा देश उनकी वीरता को सलाम करता है.

बीएसएफ की देश की रक्षा करने के अटूट संकल्प के कारण देश चैन की नींद सोता है और यह किसी भी बल के लिए गौरव का विषय है. शुक्रवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात के भुज में सीमा सुरक्षा बल के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि अब तक सीमा सुरक्षा बल के 2013 बहादुर जवानों ने देश की सीमा को सुरक्षित रखते हुए अपने प्राणों की सर्वोच्च आहुति दी है. संयुक्त राष्ट्र के अनेक शांति मिशनों में तथा देश के भीतर उत्पन्न किसी भी आपात स्थिति जैसे आतंकवाद का मुकाबला करना हो या चाहे नक्सलवाद के उन्मूलन के राष्ट्रीय लक्ष्य को साकार करने में बीएसएफ के जवानों ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

गृह मंत्री ने कहा कि एक दिसंबर 1965 को सीमा सुरक्षा बल की स्थापना हुई और सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में बीएसएफ ही एकमात्र ऐसा बल है जो थल, जल और आकाश तीनों सीमाओं पर देश की सुरक्षा का काम करता है.  मौजूदा समय में बीएसएफ के 193 बटालियनों और 2.76 लाख से अधिक जवान हैं. बीएसएफ पाकिस्तान से सटी 2279 किमी और बांग्लादेश से सटी 4096 किमी लंबी सीमा की पूरी सुरक्षा और निगरानी का काम कर रही है.

बीएसएफ का आधुनिकीकरण

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगला एक साल बीएसएफ के पूर्ण आधुनिकीकरण को समर्पित होगा और उसके बाद का एक साल जवानों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए पूरी तरह समर्पित होगा. इस दौरान बीएसएफ और केंद्रीय गृह मंत्रालय अनेक योजनाओं के साथ जवानों और उनके परिजन के कल्याण की दिशा में कदम उठाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने संकल्प लिया है कि बीएसएफ को अगले पांच साल में विश्व का सबसे आधुनिक सीमा सुरक्षा बल बनाना है. इसके लिए आने वाले समय में अनेक योजना पर काम होगा. अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान प्रेरित आतंकवादी समूह ने पहलगाम में हमारे पर्यटकों पर कायराना हमला किया और धर्म पूछ कर निर्ममता से उन्हें मारा.

इस हमले के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए सरकार ने सीमित ही जवाब दिया, लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवादियों पर हमारे हमले को खुद पर हमला मान लिया और जब पाकिस्तान की सेना हरकत में आयी, तब बीएसएफ के जवानों ने उन्हें करारा जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने कहा कि कुछ ही दिनों में बीएसएफ और सेना के पराक्रम के कारण पाकिस्तान को एकतरफा संधि की घोषणा करनी पड़ी. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सेना ने जैश-ए-मौहम्मद, हिज़्बुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय, ट्रेनिंग कैंप और उनके लॉन्च पैड को नष्ट करने का काम किया.

नक्सल अभियान में रहा है अहम योगदान

गृह मंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी बीएसएफ की कई उपलब्धियां हैं. सुरक्षा एजेंसियों के पराक्रम से देश 31 मार्च 2026 तक पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा. देश को 31 मार्च 2026 तक नक्सल समस्या से हमेशा के लिए मुक्त करके आदिवासी भाइयों-बहनों के विकास का रास्ता प्रशस्त करने का काम करेंगे.

हथियारबंद नक्सली ‘तिरुपति टू पशुपति’ तक के रेड कॉरिडोर का सपना देखते थे, लेकिन अब वह कॉरिडोर सुरक्षित भी होगा और उन क्षेत्रों में विकास भी सुनिश्चित होगा. बीएसएफ ने छत्तीसगढ़ में 127 माओवादियों का आत्मसर्मपण, 73 माओवादियों को गिरफ्तार और 22 माओंवादियों का सफाया करने का काम किया है. यही नहीं देश में नारकोटिक्स की घुसपैठ के खिलाफ भी बीएसएफ ने कई अभियान चलाया है. बीएसएफ ने वर्ष 2025 में अब तक 18 हजार किलोग्राम से अधिक ड्रग्स जब्त किया है. 

बीएसएफ देश की सभी सीमाओं पर घुसपैठ रोकने में जुटी है. घुसपैठ रोकना न केवल देश की सुरक्षा बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को बचाने के लिए भी आवश्यक है. गृह मंत्री ने कहा कि लेकिन कुछ राजनीतिक दल ‘घुसपैठिया हटाओ’ के अभियान को कमजोर करने में लगे हैं. राजनीतिक दल चुनाव आयोग द्वारा चलाई जा रही एसआईआर प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची शुद्धिकरण के काम का भी विरोध कर रहे हैं. लेकिन सरकार इस देश से एक-एक घुसपैठिए को चुन-चुन कर बाहर निकालने को लेकर प्रतिबद्ध है.