क्या भाजपा और शिवसेना का 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले होगा मिलाप, सामना में पीएम मोदी को लेकर लिखी ये बड़ी बात…

क्या भाजपा और शिवसेना एक बार फिर साथ-साथ आने वाले हैं और महाराष्ट्र में राजनीतिक श्रीराम- भरत मिलाप देखने को मिल सकता है? यह सवाल आज इसलिए किया जा रहा है क्योंकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की पीएम मोदी से मुलाकात के बाद शिवसेना का रुख नरम हो गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 23, 2021 3:56 PM

क्या भाजपा और शिवसेना एक बार फिर साथ-साथ आने वाले हैं और महाराष्ट्र में राजनीतिक श्रीराम- भरत मिलाप देखने को मिल सकता है? यह सवाल आज इसलिए किया जा रहा है क्योंकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की पीएम मोदी से मुलाकात के बाद शिवसेना का रुख नरम हो गया है.

शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शिवसेना के संबंध बहुत भी तल्ख नहीं थे. गौरतलब है कि लगभग 15 दिन पहले उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी. सामना में शिवसेना विधायक सरनाईक की उस चिट्ठी का जिक्र किया गया है जिसमें उन्होंने उद्धव ठाकरे को पीएम मोदी से नजदीकी बनाने की सलाह दी है. सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि पार्टी के पीएम मोदी के साथ कभी भी तल्ख रिश्ते नहीं रहे, ऐसे में उनसे संबंध सुधारने का कोई मतलब नहीं बनता.

उद्धव ठाकरे ने कहा था मैं नवाज शरीफ से नहीं अपने पीएम से मिलने आया हूं

उद्धव ठाकरे जब पीएम मोदी से मिलकर उनके आवास से निकले तो पत्रकारों ने उनसे मुलाकात के बारे में पूछा था. उस वक्त उद्धव ठाकरे ने भी यह कहा था कि मैं कोई पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलकर नहीं आया हूं. मैं अपने देश के प्रधानमंत्री से मिलकर आया हूं. यह अलग बात है कि अभी राजनीतिक रूप से हम साथ नहीं हैं. उद्धव ठाकरे और पीएम मोदी की इस मुलाकात के बाद से ही ऐसे कयास लगाये जाने लगे थे कि अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना एक बार फिर साथ होगी. अब जबकि सामना ने भी पीएम मोदी के प्रति रुख नरम कर लिया है संभव है कि आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति पर भी इसका प्रभाव दिखे ऐसी चर्चा राजनीतिक गलियारों में हो रही है.

शरद पवार की बैठक में नहीं पहुंची शिवसेना

विपक्ष को एकजुट करने के लिए कल 22 जून को एनसीपी नेता शरद पवार के घर पर एक बैठक बुलायी गयी थी. इस बैठक के लिए भाजपा के कई शीर्ष नेताओं को आमंत्रण दिया गया था, लेकिन शिवसेना ना तो इस बैठक में शामिल हुई और ना ही ऐसी कोई खबर आयी जिससे यह पता चल सके इस बैठक का आमंत्रण उन्हें मिला था. आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर यह बहुत बड़ा संकेत है, जो यह कहता है कि शिवसेना और भाजपा कभी भी साथ-साथ हो सकते हैं.

2019 में भाजपा और शिवसेना का 35 साल पुराना गठबंधन टूट गया था

महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना का गठबंधन 35 साल पुराना तो साल 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद टूट गया. विवाद की वजह मुख्यमंत्री का पद था, जिसे लेकर दोनों पार्टियों में खटास इतनी बढ़ी कि शिवसेना ने कांग्रेस पार्टी का समर्थन मांगा और प्रदेश में सरकार बनायी. 1989 में प्रमोद महाजन के प्रयासों से भाजपा और शिवसेना एक साथ आयी थी.

Also Read: UP News : माफिया व पूर्व एमएलसी रामू द्विवेदी की तबीयत  बिगड़ी, लखनऊ रेफर 

Posted By : Rajneesh Anand

Next Article

Exit mobile version