आरोग्य सेतु एप किसने बनाई? सरकार में किसी को नहीं है पता

कोरोना महामारी के इस दौर में लोगों के स्वास्थ्य की जांच करने वाला आरोग्य सेतु एप सबसे महत्वपूर्ण विकल्प माना जाता है. खासकर कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के संबंध में इसका इस्तेमाल किया जाता है. रेल और हवाई सफर से लेकर मेट्रो आदि में भी सफर करने के पहले स्मार्टफोन में इस एप का डाउनलोड होना बेहद जरूरी है. लेकिन, इस एप को लेकर चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है. सरकारी वेबसाइटों को डिजाइन करने वाले नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर ने कहा है कि आरोग्य सेतु ऐप को किसने बनाया, यह उसे पता ही नहीं है. इसे लेकर मुख्य सूचना आयुक्त ने एनआईसी को फटकार लगाई है और सभी मुख्य जनसूचना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इस पर सरकार ने कहा है कि आरोग्य सेतु ऐप भारत सरकार का एक उत्पाद है, जिसे उद्योग और शिक्षाविदों के सहयोग से विकसित किया गया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | October 29, 2020 2:43 PM

नयी दिल्ली : कोरोना महामारी के इस दौर में लोगों के स्वास्थ्य की जांच करने वाला आरोग्य सेतु एप सबसे महत्वपूर्ण विकल्प माना जाता है. खासकर कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के संबंध में इसका इस्तेमाल किया जाता है. रेल और हवाई सफर से लेकर मेट्रो आदि में भी सफर करने के पहले स्मार्टफोन में इस एप का डाउनलोड होना बेहद जरूरी है. लेकिन, इस एप को लेकर चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है.

सरकारी वेबसाइटों को डिजाइन करने वाले नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर ने कहा है कि आरोग्य सेतु ऐप को किसने बनाया, यह उसे पता ही नहीं है. इसे लेकर मुख्य सूचना आयुक्त ने एनआईसी को फटकार लगाई है और सभी मुख्य जनसूचना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इस पर सरकार ने कहा है कि आरोग्य सेतु ऐप भारत सरकार का एक उत्पाद है, जिसे उद्योग और शिक्षाविदों के सहयोग से विकसित किया गया है.

मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) ने सभी विभागों के मुख्य जनसूचना अधिकारियों को नोटिस जारी करके पूछा है कि वे आरोग्य सेतु ऐप के बारे में पूछे गए आरटीआई सवालों पर जवाब दें. इसके साथ ही, सीआईसी ने सभी मुख्य जनसूचना अधिकारियों को यह चेतावनी भी दी है कि सवालों का जवाब गोलमटोल नहीं होना चाहिए.

दरअसल, सौरव दास नाम के एक व्यक्ति ने मुख्य सूचना आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. इस शिकायत में दास ने दावा किया है कि उन्होंने आरोग्य सेतु एप को बनाने वाले के बारे में जानकारी के लिए एनआईसी, नेशनल ई-गवर्नेंस डिविजन और मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से संपर्क किया था. किसी रेस्टूरेंट, सिनेमा हॉल्स, मेट्रो स्टेशन जैसी जगहों पर जाने के लिए मोबाइल में इस एप का डाउनलोड होना जरूरी है.

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दास ने अपनी शिकायत में कहा कि न एनआईसी और न ही मंत्रालय ने उन्हें इस बारे में कोई जानकारी दी. सीआईसी ने नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर से यह भी पूछा है कि वह बताए कि उसकी वेबसाइट पर आरोग्य सेतु ऐप का नाम क्यों हैं, जबकि उसके पास इसके बारे में जानकारी ही नहीं है.

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Posted By : Vishwat Sen

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