अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए नीति आयोग ने सुझाए 300 कदम

नयी दिल्ली : नीति आयोग ने देश की अर्थव्यवस्था को तेज रफ्तार देने लिए 300 विशेष कदम सुझाये हैं. आयोग की रविवार को यहां आयोजित संचालन परिषद की बैठक में ये सुझाव रखे गये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई परिषद की तीसरी बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया ने एक प्रस्तुति के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 23, 2017 7:36 PM

नयी दिल्ली : नीति आयोग ने देश की अर्थव्यवस्था को तेज रफ्तार देने लिए 300 विशेष कदम सुझाये हैं. आयोग की रविवार को यहां आयोजित संचालन परिषद की बैठक में ये सुझाव रखे गये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई परिषद की तीसरी बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया ने एक प्रस्तुति के माध्यम से इन कार्य बिंदुओं को रखा.

हालांकि, इस कार्ययोजना का ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया गया. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि ये कार्य बिंदु 15 वर्षीय दीर्घकालिक विकास की परिकल्पना के साथ-साथ सात वर्षीय रणनीति और तीन वर्षीय कार्य एजेंडा का हिस्सा हैं. पनगढ़िया ने बैठक में कार्ययोजना का मौदा रखा. इसे राज्यों की सलाह के आधार पर तैयार किया गया है.

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उन्होंने कहा कि 300 विशेष कार्य बिंदुओं की पहचान की गयी है, जो सभी क्षेत्रों के लिए कारगर होंगे. ‘कार्य एजेंडा’ की अवधि 14वें वित्त आयोग की अवधि के बराबर है और इससे केंद्र और राज्यों के आकलनों के अनुसार कोष जारी करने में स्थिरता मिलेगी.

पनगढ़िया ने इस दृष्टिपत्र पर आगे काम करने के लिए राज्यों से जानकारी और समर्थन भी मांगा है. इस मौके पर आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा इत्यादि क्षेत्रों में राज्यों के सहयोग से अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए किये गये काम की सराहना की. उन्होंने मुख्यमंत्रियों के उप-समूहों के काम के बारे में भी बात की, जो केंद्र द्वारा वित्तपोषित स्वच्छ भारत और कौशल विकास जैसी योजनाओं के तार्किकीकरण के लिए बनाये गये थे.

कांत ने कृषि, गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य, शिक्षा, डिजिटल भुगतान, विनिवेश, तटीय क्षेत्र एवं द्वीपीय विकास इत्यादि क्षेत्रों में की गयी पहलों का भी जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि नीति आयोग राज्यों के साथ मिल कर आधारभूत सेवाओं और बुनियादी ढांचा क्षेत्र को बेहतर करने के लिए काम करेगा, खासकर उन जिलों और क्षेत्रों में, जहां विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

बैठक में शामिल हुए राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने जीएसटी पर एक प्रस्तुति दी और मुख्यमंत्रियों से राज्य जीएसटी अधिनियम को बनाने में तेजी लाने का अनुरोध किया. बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंचाई, तकनीकी सृजन, नीति और बाजार सुधार जैसै क्षेत्रों के बारे में बात की.

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