जलीकट्टू का बिल तमिलनाडु विधानसभा से पास, चेन्नई में प्रदर्शन के दौरान हिंसा

चेन्नई : तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के आयोजन का रास्ता साफ करने के लिए अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक के सोमवार को राज्य विधानसभा में पारित होने के बाद मरीना बीच पर छह दिन से चल रहा प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया हालांकि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई के बाद चेन्नई तथा राज्य के कुछ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 23, 2017 9:21 PM

चेन्नई : तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के आयोजन का रास्ता साफ करने के लिए अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक के सोमवार को राज्य विधानसभा में पारित होने के बाद मरीना बीच पर छह दिन से चल रहा प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया हालांकि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई के बाद चेन्नई तथा राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा भडक गयी. शाम को आलंगनल्लूर के जल्लीकट्टू महोत्सव के लिए प्रसिद्ध मदुरै के साथ ही तिरचिरापल्ली, कोयंबटूर और अन्य स्थानों पर भी आंदोलन वापस ले लिया गया.

सोमवार को सुबह शुरू हुई पुलिस कार्रवाई के बाद मरीना बीच और त्रिपलीकेन, तीनामपेट के आसपास के इलाकों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष की स्थिति बनी रही. मदुरै के सेल्लुर और कोयंबटूर के गांधीपुरम में भी टकराव बना रहा. पुलिस ने भारी भीड को तितर बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले छोडे और लाठीचार्ज किया. पुलिस कार्रवाई के खिलाफ कई जगहों पर वाहनों को जलाने और पथराव की घटनाएं सामने आईं. नाराज लोगों ने पुलिसकर्मियों और उनके वाहनों को निशाना बनाया. संघर्ष में कई पुलिसकर्मी और आम लोग घायल हो गये. पुलिस को संदेह है कि कुछ प्रदर्शनकारी भाकपा-माले जैसे वामपंथी संगठनों के हो सकते हैं लेकिन आंदोलनकारियों के मुताबिक आंदोलन का आह्वान करने वाले छात्र और युवा हिंसा में शामिल नहीं थे.

अन्नाद्रमुक सरकार ने सोमवार को सक्रियता दिखाते हुए विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधेयक बिना अडचन के पारित कर दिया जो जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए लागू अध्यादेश की जगह लेगा. पशु क्रूरता रोकथाम :तमिलनाडु संशोधन: अधिनियम, 2017 को संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनिमत से विधानसभा की मंजूरी मिल गयी. अध्यादेश लागू होने के बाद जल्लीकट्टू समर्थक संगठनों और फिल्म निर्देशक गौतमन ने प्रदर्शनकारियों से आंदोलन समाप्त करने की अपील की थी. तमिल कलाकार रजनीकांत और कमल हासन ने भी हिंसा को लेकर चिंता जताई और आंदोलनकारी छात्रों द्वारा संयम बरतने की मांग की.

संघर्ष की खबरें सामने आने के बाद सोमवार सुबह कई स्कूलों को आकस्मिक रुप से बंद कर दिया गया और एहतियातन सडकों से बसें हटा ली गयीं. कोयंबटूर में पुलिस ने वीओसी पार्क मैदान से प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाया और गांधीपुरम बस स्टैंड पर छात्रों पर लाठीचार्ज किया. कुछ लोग सेंट्रल जेल के पास पेटा और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. पुलिस ने करीब 300 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया.

मदुरै में आलंगनल्लूर पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों के पथराव में 20 लोग घायल हो गये जिनमें अधिकतर पुलिसकर्मी हैं. इससे पहले अध्यादेश से संतुष्ट हो गयी आंलगनल्लूर ग्राम समिति ने घोषणा की थी कि एक फरवरी को जल्लीकट्टू का आयोजन किया जाएगा. पालामेदू में दो फरवरी को इस खेल का आयोजन किया जाएगा. मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम कल स्थानीय लोगों के प्रदर्शन के कारण आंलगनल्लूर में जल्लीकट्टू उत्सव का उद्घाटन नहीं कर सके थे. प्रदर्शनकारी मांग कर रहे थे कि जल्लीकट्टू के आयोजन का स्थाई समाधान निकाला जाए. पुलिस उप महानिरीक्षक आनंद सोमानी ने गांव में फ्लैग मार्च निकाला ताकि स्थानीय लोगों के अंदर विश्वास भरा जा सके. मदुरै में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुरगेश ने प्रदर्शनकारी छात्रों से बातचीत की और उनसे प्रदर्शन समाप्त करने की अपील की.

शहर में पुलिस और युवकों के बीच संघर्ष में एक महिला घायल हो गयी. मदुरै के सेल्लुर में छात्रों ने लगातार पांचवें दिन एक ट्रेन को रोके रखा. इस बीच इरोड से मिली खबर के मुताबिक जब प्रदर्शनकारियों ने हटने से मना कर दिया और कुछ लोगों ने हिंसा शुरू कर दी तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें कई छात्र मामूली रुप से घायल हो गये.

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